रूस और यूक्रेन के बीच आठ महीने से अधिक समय से चल रहे युद्ध का कोई हल नहीं निकल सका है। रूस ने मिसाइलों के हमलों से यूक्रेन को पूरी तरह से तबाह कर दिया है, लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की रूसी प्रेसिडेंट के सामने डटे हुए हैं। रूस तरह-तरह के हथियारों का प्रयोग कर रहा है, जिसमें ईरान के ड्रोन भी शामिल हैं। एक नई रिसर्च से पता चला है कि अमेरिका जैसे पश्चिमी देश भले ही सामने से रूस को जमकर कोस रहे हों, लेकिन पर्दे के पीछे से उनकी मदद भी कर रहे हैं। दरअसल, रूस द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे ईरानी ड्रोन्स में वेस्टर्न कंपोनेंट्स भी शामिल हैं, जिसकी वजह से यूक्रेन में बड़ी संख्या में निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई।
इसके अलावा, घातक हथियारों में चीन के भी कुछ चीजें शामिल हैं। हांगकांग में बना एक रियल-टाइम मिनी कैमरा भी है। यूक्रेन के इंटेलिजेंस का मानना है कि मोहजर -6 में उत्तरी अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान और ताइवान में स्थित 30 से अधिक विभिन्न प्रौद्योगिकी कंपनियों के कंपोनेंट्स शामिल हैं। अपने निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पत्रकारों ने एक मोहजर -6 ड्रोन के कुछ हिस्सों को भी देखा, जिसे यूक्रेनी सेना ने काला सागर के ऊपर माइकोलायिव क्षेत्र के तटीय शहर ओचाकिव के करीब मार गिराया था।
ड्रोन में फिट हैं वेस्टर्न देशों के पार्ट्स, मिले सबूत
रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (आरयूएसआई) के एक रिसर्च फेलो डॉ सिद्धार्थ कौशल ने बताया कि इसी तरह के सबूत थे कि यूक्रेन में रूस द्वारा आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले एक ड्रोन शहेद -136 में वेस्टर्न देशों के पार्ट्स फिट थे। उन्होंने समझाया, ”यदि आप उदाहरण के लिए देखते हैं, जो इंजन इसे शक्ति देता है, यह चीनी इंजनों का कॉम्बिनेशन है और अधिक महत्वपूर्ण मिशनों के लिए, आप इसे ताइवान या जर्मन इंजन के लिए स्वैप कर सकते हैं।” डॉ. कौशल ने बताया कि ईरान हाल के वर्षों में सैन्य ड्रोन डिजाइन करने में तेजी से कुशल हो गया है और रूस ने हाल के समय में वहां से ड्रोन खरीदे भी हैं।