कोटा की 15 आत्महत्याओं से चिंता बरकरार, NSPS से छात्रों को बचाएगी सरकार

राजस्थान के कोटा में एक और 18 साल के छात्र ने आत्महत्या कर ली। इसके साथ ही एजुकेशन हब कहे जाने वाले शहर में 2022 में खुदकुशी की संख्य 15 पर पहुंच गई है। बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार ने नेशनल सुसाइड प्रिवेंशन स्ट्रेटेजी (NSPS) की सहायता लेने का फैसला किया है। आंकड़े बताते हैं कि देश में हर साल एक लाख से ज्यादा मौतें सुसाइड की वजह से होती हैं।

NSPS का लक्ष्य अगले 8 सालों में सभी शैक्षणिक संस्थानों में मानसिक कल्याण से जुड़ा पाठ्यक्रम शामिल करना है। यह आत्महत्याओं को रोकने के लिए तीन सालों के भीतर निगरानी के लिए तंत्र और पांच सालों में सभी जिलों में साइकेट्रिक आउटपेशेंट डिपार्टमेंट्स की शुरुआत करना चाहता है।

स्ट्रेटेजी रिपोर्ट में छात्रों के लिए परीक्षा का तनाव कम करने की बात पर जोर दिया है। इसके लिए सभी परीक्षाओं में सप्लीमेंट्री एग्जाम को अनिवार्य करना और सभी स्कूलों में एक्स्ट्राकरिकुलर एक्टिविटीज को जरूरी करना शामिल है। कोटा जैसी घटनाओं को रोकन के लिए शिक्षा मंत्रालय बच्चों और किशोरों के लिए तनाव से मुक्त शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास और जीवन का पाठ पढ़ाने के लिए शिक्षकों को पहचान करने की ओर ध्यान लगा रहा है।

डराते हैं आंकड़े
NCRB के डेटा के अनुसार, 2021 में 1.64 लाख लोगों की मौत आत्महत्या के चलते हुए। 2020 के मुकाबले संख्या में 7.2 फीसदी का इजाफा हुआ। बीते साल देश के 53 शहरी केंद्रों में 25 हजार 891 खुदकुशी के मामले दर्ज किए गए। इनमें सबसे आगे दिल्ली थी। बीते  तीन सालों में आत्महत्या दर प्रति 1 लाख की आबादी में 10.2 से बढ़कर 11.3 पर पहुंच गई है।