जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ में दरारों के आने के बाद अब आपदा से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रशासन की ओर से आपदा प्रभावित इलाकों में बुलडोजर ऐक्शन की तैयारी की गई है। जर्जर मकान और निर्माण को तोड़ने की तैयारी की गई है। पिछले दिनों तकनीकी समिति ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट दी थी। इसमें सरकार को तत्काल जर्जर निर्माणों को ढाहने की अनुशंसा की गई थी। इन जर्जर संरचनाओं के कारण जान-माल के खतरे की आशंका जताई जा रही थी। जोशीमठ में दरारें लगातार लोगों को डरा रही हैं। प्रशासन की ओर से अब तक 678 घरों को चिन्हित किया गया है। इसके अलावा दो जर्जर होटलों को भी चिन्हित किया गया है। इन दोनों होटलों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हो रही है। जोशीमठ में स्थित होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू को ढहाने की तैयारी कर ली गई है। मंगलवार की सुबह बुलडोजर के साथ एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। मंगलवार को दोनों होटलों को तोड़ने का कार्य किए जाने की योजना है। जोशीमठ में असुरक्षित निर्माणों पर कार्रवाई के लिए तीन फेज में कार्रवाई की तैयारी की गई है।
एसडीआरएफ का आया बड़ा बयान
एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि दो होटलों मलारी इन और माउंट व्यू को आज चरणबद्ध तरीके से तोड़ा जाएगा। सबसे पहले ऊपर के हिस्से को तोड़ा जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि दोनों होटल झुक गए हैं और एक-दूसरे के बेहद करीब आ गए हैं। उनको तोड़ा जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आसपास कई घर और होटल हैं। अगर ये दोनों और झुके तो वे गिर सकते हैं। इसलिए, विशेषज्ञों ने उन्हें ध्वस्त करने का फैसला किया। सीबीआरआई के भी विशेषज्ञ आ रहे हैं, उन्होंने आज एक सर्वेक्षण किया। अब वे उसी पर अधिक तकनीकी जानकारी देंगे।
होटल मलारी इन के ओनर ठाकुर सिंह राणा का बड़ा बयान इस बीच सामने आया है। उन्होंने कहा है कि मेरे होटल में आंशिक दरारें आई हैं। हालांकि, अगर जनहित में होटल को गिराया तो मैं सरकार और प्रशासन के साथ हूं। उन्होंने कहा कि मुझे होटल गिराए जाने का नोटिस दिया जाना चाहिए था। होटल की स्थिति का मूल्यांकन कराया जाना चाहिए था। मैं होटल की जांच कराए जाने का आग्रह करता हूं। मैं इस पर दावा छोड़ दूंगा।
असुरक्षित होटलों तक पहुंची है SDRF
जोशीमठ के असुरक्षित भवनों को गिराए जाने की तैयारी कर ली गई है। इस क्रम में होटल मलारी इन और माउंट व्यू को तोड़ने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है। एसडीआरएफ की टीम से पहले प्रशासन की ओर से इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक जाने को कहा जा रहा है, ताकि होटलों को गिराए जाने के क्रम में किसी को चोट न लगे। मंगलवार को दिन भर प्रशासन का अभियान चलाया जाएगा। विशेषज्ञ कमेटी की अनुशंसा के आधार पर जर्जर हुए भवनों को ढहाने की तैयारी कर ली गई है।
जोशीमठ में प्रशासन की ओर से तीन फेज में पूरे अभियान को चलाया जाना है। पहले फेज में सबसे अधिक जर्जर निर्माणों को ढहाने की तैयारी है। खतरनाक हुए भवनों से जान-माल के खतरे का अंदेशा जताया जा रहा था। इस संबंध में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रशासन को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अब इस पर कार्रवाई होती दिख रही है।
अब तक 81 परिवारों को किया गया विस्थापित
जोशीमठ में जर्जर हुए भवनों में रह रहे 81 परिवारों को विस्थापित किया गया है। इन परिवारों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है। सरकार की ओर से आपदा प्रभावित परिवारों को 4 हजार रुपये मासिक की दर से राहत पैकेज दिए जाने की भी घोषणा की गई है। दरार वाले 678 घरों को चिन्हित कर लिया गया है। इनको अभियान के तहत तोड़ा जाएगा। इसके अलावा प्रशासन ने जोशीमठ में किसी भी नए निर्माण पर रोक लगा दी गई है।