नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल ( West Bengal) के मालदा में एक स्कूल में मिड-डे मील में चूहे और छिपकली मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने हंगामा किया. इसके कुछ दिन पहले, पश्चिम बंगाल सरकार ने जनवरी से चार महीने की अवधि के लिए मध्याह्न भोजन में चिकन और मौसमी फलों को शामिल करने का फैसला किया.
इस फैसले के कारण राजनीतिक सुस्ती आ गई थी क्योंकि बीजेपी ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ टीएमसी सरकार ने राज्य में आगामी पंचायत चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह पहल शुरू की है.
पश्चिम बंगाल के मालदा के एक स्कूल में मिड-डे मील में चूहे और छिपकली मिलने पर स्थानीय लोगों ने हंगामा किया। DM नितिन सिंघानिया कहते हैं कि मरी हुई छिपकली और चूहा मिलने का मामला हमारे संज्ञान में आया है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
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— Kumar Gaurav Singh (@kmgaurav1122) January 11, 2023
मालदा के डीएम नितिन सिंघानिया ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘मिड-डे मील में मरी हुई छिपकली और चूहा मिलने का मामला हमारे संज्ञान में आया है. इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.’
अफसर नाम के एक स्थानीय ने कहा कि स्कूल में दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता बहुत ही घटिया है. उन्होंने कहा, “छात्र लंबे समय से इसकी शिकायत कर रहे हैं. आज हमने उन्हें रंगे हाथों पकड़ा है.”
मध्याह्न भोजन खाद्य विषाक्तता और घटिया गुणवत्ता के मुद्दों के लिए विभिन्न स्कूलों से सुर्खियाँ बटोरता है. पिछले साल नवंबर में, आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले कम से कम 25 बच्चे मिड-डे मील योजना के तहत स्कूल अधिकारियों द्वारा दिए गए भोजन के बाद बीमार हो गए थे. घटना कादिरी के एक नगरपालिका प्राथमिक विद्यालय में हुई.