भूकंप के झटकों ने मंगलवार दोपहर दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) को हिला दिया, लेकिन लोगों की जान तो तब अटक गई, जब उत्तराखंड का जोशीमठ (Earthquake in Joshimath) भी कांप उठा। मकानों और इमारतों के दरकने के कारण यहां लोग पहले से ही दहशत में हैं। शाम को उत्तराखंड के अधिकारियों ने ताजा हालातों की जानकारी दी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में आज भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि इनकी तीव्रता काफी कम थी। घटना के बाद पूरे इलाके का निरीक्षण किया गया है। कोई भवन क्षतिग्रस्त नहीं हुआ। सर्वेक्षण दल लगातार स्थिति का आकलन कर रहा है। हमें देखना होगा कि आज के भूकंप ने इमारतों में दरारों को और ज्यादा बढ़ाया तो नहीं हैं।
Water discharge has increased in Joshimath due to recent rainfall&snowfall.There's no need to worry.BRO has said that a team of MoRTH has visited the site to inspect whether or not work on bypass road can be started: Ranjit Sinha,Secy,Uttarakhand Disaster Management on Joshimath pic.twitter.com/Je8ew2SLFD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 24, 2023
आपदा सचिव ने बताया कि लोगों के पुनर्वास के लिए प्री-फैब्रिकेटेड घरों के मॉडल को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। कई निजी कंपनियों ने पूर्व-निर्मित घरों को बनाने में रुचि दिखाई है। सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जल्द ही इस परियोजना पर काम किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई बारिश और बर्फबारी के कारण जोशीमठ में पानी का बहाव बढ़ गया है, लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है। बीआरओ ने कहा है कि एमओआरटीएच की एक टीम ने साइट का दौरा किया है ताकि निरीक्षण किया जा सके कि बाईपास सड़क पर काम शुरू किया जा सकता है या नहीं।
Uttarakhand | Central Building Research Institute (CBRI) is building one, two & three BHK model pre-fabricated huts for displaced families in Joshimath, on land located near Dept of Horticulture, Herbal Research & Development Institute (HDRI): Himanshu Khurana, DM Chamoli pic.twitter.com/tkoSD2fu0W
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 24, 2023
एएनआई के मुताबिक चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों के स्थायी पुनर्वास के कई विकल्पों की तलाश की जा रही है। एक विकल्प यह है कि लोगों को पैसा और आजादी दी जाए कि वे जहां चाहें बस जाएं। दूसरा विकल्प उनके लिए जमीन उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) जोशीमठ में विस्थापित परिवारों के लिए बागवानी विभाग, हर्बल अनुसंधान एवं विकास संस्थान (HDRI) के पास स्थित भूमि पर एक, दो और तीन बीएचके मॉडल पूर्व-निर्मित घरों का निर्माण कर रहा है।