नई दिल्ली। इस साल 9 राज्यों में विधानसभा और अगले साल लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर कहा करते हैं कि देश की बड़ी आबादी 35 साल से कम उम्र की युवाओं की है। उन्हीं युवाओं से जब उनकी राजनीति समझ, राजनेताओं के बारे उनकी राय और देश के बारे में पूछा गया तो कई रोचक परिणाम सामने आए हैं। सीएसडीएस की इस सर्वे में शामिल अधिकांश युवाओं के पास मतदाता पहचान पत्र नहीं थे। इन्होंने चुनाव कराने के लिए बैलेट की जगह ईवीएम को वरीयता दी। उनका यह भी मानना है कि राजनीति में भी रिटायरमेंट की एक उम्र होनी चाहिए।
भारत में चुनावों में मतपत्रों पर ईवीएम की विश्वसनीयता पर जारी बहस के बीच छात्रों से उनकी राय पूछी गई। पांच में से चार ने मतपत्रों की जगह ईवीएम मशीनों को प्राथमिकता दी है। वहीं, उनसे जब पूछा गया कि क्या वे भारत में राजनेताओं के लिए रिटायरमेंट की उम्र तय करने का समर्थन करते हैं तो चार में से तीन ने इसका समर्थन किया। इसके अलावा पांच में से चार छात्रों का यह भी मानना था कि भारत में चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए।
‘एक देश, एक चुनाव’ पर जारी बहस के बीच युवाओं से भी उनकी राय जानने की कोशिश की गई। अधिकांश युवाओं का मानना था कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक ही समय पर होने चाहिए। पांच में से तीन ने इसके पक्ष में उत्तर दिया।
युवाओं से नेताओं के गुणों के बारे में पूछा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में पूछे जाने पर 16% युवाओं ने कहा कि उन्हें उनके बोलने की कला काफी पसंद हैं। 15% युवाओं ने पीएम मोदी को उनकी नीतियों के लिए पसंद किया। दस में से एक ने उन्हें एक करिश्माई नेता करा दिया। वहीं, 17% ऐसे भी युवा थे, जिनके पासे पीएम मोदी को पसंद करने का कोई कारण नहीं था।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बारे में भी युवाओं से पूछा गया। 35% युवाओं ने कहा कि राहुल गांधी को पसंद करने का एक भी कारण उनके पास नहीं है। राहुल को पसंद करने वालों में से 13% ने कहा कि वे उनकी धर्मनिरपेक्ष और समावेशी विचारधारा के कारण उन्हें पसंद करते हैं। दस में से एक ने कहा कि वह काफी मेहनत करते हैं।