नई दिल्ली। अपने सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान (Pakistan Financial Crisis) में गेहूं की किल्लत ने लोगों की परेशानियों को विकराल बना दिया है. देश में आटे की कीमतें (Flour Price) इतनी बढ़ गई हैं कि थाली से रोटी गायब सी होती जा रही है. आटे की एक-एक बोरी के लिए घमासान मचा हुआ है. इस बीच भारत में भी गेहूं की कीमतें आसमान छू रही हैं और मंडियों से ये गायब होता जा रहा है.
गेहूं की किल्लत से जूझ रहे Pakistan की बात पहले कर लेते हैं. बता दें कि देश में महंगाई (Pakistan Inflation) 25 फीसदी के करीब पहुंच चुकी है और खाने-पीने के लिए मोहताज नजर आ रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी का सबब बना हुआ है आटा. सोशल मीडिया पर पड़ोसी देश के जो वीडियो और तस्वीरें सामने आ रही हैं. उन्हें देखकर हालात का अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है. इनमें देखने को मिल रहा है कि कैसे देश में एक-एक बोरी के लिए लोग तरस रहे हैं और लड़ने-झगड़ने को मजबूर हैं.
आटे की कीमत 150 रुपये किलो
पाकिस्तान में आटे की कीमत (Flour Price In Pakistan) की बात करें देश में रोटी के लिए मरने-मारने की जंग जारी है. बढ़ती महंगाई दर (Pakistan Inflation) के बीच गेहूं संकट ने आटे की इमरजेंसी जैसा माहौल पैदा कर दिया है. एक पूर्व एक रिपोर्ट की मानें तो इस्लामाबाद में रोजाना गेहूं की खपत 20 किलो के 38,000 बैग्स की है, लेकिन यहां संचालित 40 आटा मिलों से 21,000 बैग्स की आपूर्ति हो पा रही है. आटे की कीमत (Pakistan Flour Price) 150 रुपये प्रति किलो से ज्यादा हो गई है. दुकानों पर आटा खत्म हो चुका है और जहां ट्रकों से आटे की सप्लाई हो रही है, तो वहीं लोग कहीं लंबी लाइनों में लगे नजर आ रहे हैं, तो कहीं आटा लदे ट्रकों का पीछा करते दिख रहे हैं. कुछ स्थानों पर तो आटे की बोरी के लिए एक दूसरे को मरने-मारने पर भी लोग तैयार हैं.
भारत में गेहूं की कीमतें आसमान पर
एक ओर जहां पड़ोसी देश पाकिस्तान में आटे के लिए घमासान मचा है, तो वहीं भारत में भी गेहूं की किल्लत बढ़ती हुई नजर आ रही है. इसका असर ये हो रहा है कि गेहूं के दाम आसमान पर पहुंचते जा रहे हैं और कीमतें बढ़ने के साथ मंडियों से इसका स्टॉक खत्म होता जा रहा है. दूसरे शब्दों में कहें तो मंडियों से गेहूं गायब होता जा रहा है. डीलरों और किसानों की मानें तो सप्लाई के लिए सरकार द्वारा अतिरिक्त स्टॉक जारी करने में देरी और पिछले साल की पैदावार की कमी से घरेलू बाजार में कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं.
तय MSP के ऊपर पहुंचा भाव
दुनिया में गेहूं के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक भारत में इसका भाव सरकार द्वारा तय MSP से ऊपर बना हुआ है. दिल्ली और उत्तर प्रदेश में इसका दाम 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के करीब पर पहुंच गया है. बता दें 2023 के लिए गेहूं के लिए एमएसपी 2,125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था. गौरतलब है कि बीते साल मई 2022 में गेहूं के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
सरकार भी गेहूं की बढ़ती कीमतों को लेकर गंभीर है. सरकार की ओर से कहा गया कि वह दाम कम करने के लिए जल्द उपयुक्त कदम उठाएगी. गेहूं के OMSS पर फैसला जल्द लिए जाने की संभावना है. हालांकि, इस बीच सरकार ये दावा भी कर रही है कि देश में गेहूं का पर्याप्त भंडार मौजूद है.
सोमवार (23 जनवरी 2023) गेहूं का भाव (NCDEX)
मंडी भाव | रुपये प्रति क्विंटल |
इंदौर | 2,950 |
कानपुर | 3177 |
राजकोट | 2800 |
दिल्ली | 3164 |
कोटा | 2875 |
हर दिन बढ़ रहे हैं दाम
इंदौर की मंडियों में गेहूं का भाव 29,500 रुपये टन तक पहुंच गया है. केवल जनवरी महीने में 7 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. जबकि पिछले एक साल में करीब 37 फीसदी कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है. दिल्ली में अचानक सोमवार को गेहूं के दाम 2 फीसदी बढ़ गए. जिससे कीमत 31,500 रुपये प्रति टन तक पहुंच गया. होलसेल में इस बढ़ोतरी के साथ ही खुदरा मार्केट में गेहूं के दाम 5 से 6 फीसदी तक उछल गए. इसका असर बिस्किट कंपनी पर भी पड़ रहा है.
महीने दर महीने स्टॉक में गिरावट
केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि गेहूं के स्टॉक को लेकर किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार वीकली गेहूं उत्पादन और स्टॉक की समीक्षा करती है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 24 जनवरी 2023 तक सरकारी गोदामों में कुल 1.71 करोड़ टन गेहूं का स्टॉक है, जबकि पिछले महीने दिसंबर में 190 करोड़ टन था. केंद्र सरकार का बफर मानक 1.38 करोड़ टन तय है.