नई दिल्ली। मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में एडवोकेट एल विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष उठाया है। इस मामले पर इसलिए विवाद गरमाया हुआ है क्योंकि एल. विक्टोरिया इस बात को कबूल चुकी हैं कि वो भाजपा कार्यकर्ता रही हैं। वरिष्ठ वकील ने कहा, “यह एडवोकेट एल विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति के संबंध में मद्रास के वरिष्ठ वकीलों द्वारा एक तत्काल याचिका है। वे अंतरिम राहत के लिए सीजेआई चंद्रचूड़ से अपील कर रहे हैं।”। सीजेआई ने इस मामले में सुनवाई के लिए पहले अगले सोमवार की तारीख तय की लेकिन, फिर अपीलकर्ता रामचंद्रन के अनुरोध पर सुनवाई की तारीख शुक्रवार तय हुई है।
क्यों मचा है विवाद
दरअसल, मदुरै बेंच में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले एक डिप्टी सॉलिसिटर जनरल, एडवोकेट विक्टोरिया गौरी के बारे में प्रस्ताव विवादास्पद हो गया है, जब उनकी भाजपा से संबद्धता और मुसलमानों और ईसाइयों के बारे में दिए गए कुछ बयान सार्वजनिक डोमेन में सामने आए। मद्रास उच्च न्यायालय बार के एक वर्ग ने सीजेआई को एक अभ्यावेदन भेजा है जिसमें कोलेजियम से 17 जनवरी को उनके पदोन्नति के लिए दिए गए प्रस्ताव को वापस लेने का आग्रह किया गया है।