नई दिल्ली। सीबीआई ने सोमवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी की मांग की। इसके पक्ष में उसने कई दलीलें दी। उसने कहा कि मनीष सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उनसे पूछताछ करनी जरूरी है। मनीष सिसोदिया के वकीलों ने गिरफ्तारी का विरोध किया। शराब घोटाले में सीबीआई ने कोर्ट में अपना पक्ष पेश किया। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में भ्रष्टाचार को लेकर मनीष सिसोदिया को करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद रविवार शाम गिरफ्तार कर लिया था। इस घटनाक्रम से भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत केंद्र सरकार और AAP के बीच राजनीतिक खाई और गहरी हो गई। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कुछ देर में फैसला आने के आसार हैं।
सीबीआई के वकील ने कहा कि जांच में पता चला है कि सिसोदिया ने मौखिक रूप से सचिव को निर्देश दिए। उनसे नया कैबिनेट नोट बनाने को कहा गया। इसका मकसद पॉलिसी में बदलाव करना था। सिसोदिया कैबिनेट की ओर से गठित मंत्रियों के उस समूह की अध्यक्षता कर रहे थे जिसने एक्साइज पॉलिसी बनाई थी। पूरा मामला कमाए जा रहे प्रॉफिट को लेकर था। प्रॉफिट मार्जिन 5 फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी हो गया। सिसोदिया नहीं बता सके क्यों पॉलिसी में बदलाव किया गया। इसमें बहुत गोपनीय तरीके से साजिश रची गई थी।
इस पर जज ने कहा कि कस्टडी की जरूरत क्यों है? इस पर सीबीआई का कहना था कि उचित जांच के लिए यह जरूरी है।
कृष्णन ने कहा कि 2021 में एलजी ने पॉलिसी को मंजूरी दी थी। ये किन फोन कॉलों की बात कर रहे हैं। पहले उनसे फोन मांगा गया। जब फोन दे दिया गया तो कहा गया कि सिसोदिया ने फोन बदल दिया है। सिसोदिया को क्या करना चाहिए? वह सेकेंडहैंड शॉप पर उसे नहीं दे सकते हैं। किसी भी फोन कॉल, मैसेज या मीटिंग का उनसे संबंध नहीं है। रिमांग का कोई आधार नहीं है। प्रॉफिट मार्जिन के बारे में सभी तरह के तर्कों को एलसी ने अप्रूव किया था।