चेटीचंड मेला कमेटी के द्वितीया मीटिंग 5 मार्च को हरिओम मंदिर में संपन्न हुई मीटिंग में श्री मुरलीधर आहूजा, श्री मोहनदास लधानी, अशोक मोटियानी, विशन भंभानी, सुरेश छबलानी, सूरज जसवानी दिनेश जीवनी व अन्य सिंधी समुदाय के लोग शामिल हुए। चेटीचंड मेला समिति के कोषाध्यक्ष श्री सतेंद्र भावनानी ने बताया की 22 मार्च को झूलेलाल भगवान की भव्य शोभा यात्रा निकलेगी जिसकी शुरूवात शिव शांति आश्रम से होगी उन्हें ये भी बताएं कि शोभा यात्रा के संचालन के लिए एक युवाओं की विशेष टीम भी बनाई गई है चेटीचंड मेला कमेटी के महामंत्री रतन मेघाणी जी ने चेटीचंड मेला कमेटी की कैप बनवाई है जो पुरे मेले के लिए बनेगी. मेले से पूर्व १० दिवसीय मेले की घोषड़ा की गई जो की १२ मार्च से शुरू होंगी और यह भी बताया की सिंधी समाज के सभी प्रतिष्ठान चेती चाँद के उपलश्य में एक सप्ताह के लिए अपने स्पेशल बम्पर ऑफर डिस्काउंट निकालेंगे
चेटीचंड मेला समिति के कोषाध्यक्ष श्री सत्येंद्र भवनानी ने बताया झूलेलाल जी को जल के देवता वरुण का अवतार माना जाता है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में चन्द्र दर्शन की तिथि को सिंधी चेटीचंड मनाते हैं. सिंधी समुदाय के लोगों के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक झूलेलाल जयंती है. झूलेलाल जयंती पर सिंधी समुदाय के लोग झूलेलाल मंदिरों में जाते हैं और श्रद्धा भाव के साथ उनकी पूजा करते हैं.
संत झूलेलाल को लाल साईं, उदेरो लाल, वरुण देव, दरियालाल और जिंदा पीर भी कहा जाता है. सिंधी हिंदुओं के लिए संत झूलेलाल उनके उपास्य देव हैं. इस त्यौहार को चेटी चंड भी कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार संत झूलेलाल वरुण देव के अवतार माने जाते हैं. सिंधी हिंदुओं के लिए झूलेलाल झूलेलाल का मंत्र बिगुल माना जाता है. चंद्र-सौर हिंदू पंचांग के अनुसार, झूलेलाल जयंती की तिथि वर्ष और चेत के हिन्दू महीने की पहली तिथि को मनाया जाता है. सिंधी समुदाय के लोगों के लिए यह तिथि बेहद शुभ मानी जाती है क्योंकि इस दिन से सिंधी हिंदुओं का नया साल प्रारंभ होता है. हर नया महीना सिंधी हिंदुओं के पंचांग के अनुसार नए चांद के साथ प्रारंभ होता है इसलिए इस विशेष दिन को चेटी चंड भी कहा जाता है