नई दिल्ली। नगालैंड में हुए एक सियासी घटनाक्रम का असर महाराष्ट्र तक पड़ता नजर आ रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने भारतीय जनता पार्टी-नेशनल डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी की सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है। अब सवाल है कि क्या महाविकास अघाड़ी (MVA) के इस साथी दल के फैसले के बारे में उद्धव ठाकरे जानते थे या नहीं?
बैठक में हुआ था तय?
अब शिवसेना (UBT) के विधायक भास्कर जाधव ने बुधवार को नगालैंड के सियासी घटनाक्रम की जानकारी से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘नगालैंड में जो राजनीति हो रही है, उसके बारे में मुझे कुछ नहीं पता। महाविकास अघाड़ी की बैठक में क्या फैसला लिया गया, मुझे अभी भी नहीं पता क्योंकि मैं उस बैठक में शामिल नहीं था।’
नगालैंड में राकंपा का रोल
राकंपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वोत्तर प्रभारी नरेंद्र वर्मा की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, 4 मार्च को कोहिमा में विधायक दल की बैठक हुई थी। विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘इस बात पर भी चर्चा की गई थी कि एनसीपी सरकार का हिस्सा रहेगी या मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाएगी। नवनिर्वाचित विधायक और एनसीपी की नगालैंड इकाई का मानना था कि उन्हें नगालैंड के हित और एन रियो के साथ अच्छे संबंधों के लिए NDPP चीफ और मुख्यमंत्री एन रियो की सरकार का हिस्सा होना चाहिए।’
नगालैंड चुनाव के नतीजे
नगालैंड विधानसभा चुनाव में एनडीपीपी के खाते में 25 और भाजपा को 12 सीटें मिली थी। खास बात है कि इन दोनों दलों के अलावा सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी ही थी और इसके पास नेता प्रतिपक्ष तय करने का आंकड़ा था। मंगलवार को हुए शपथ ग्रहण में कैबिनेट में 7 मंत्री एनडीपीपी और 5 भाजपा से रहे।