चीन में इन दिनों बड़े पैमाने पर बुखार की दवाइयां स्टॉक कर रहे हैं। इसके चलते ऑनलाइन खरीददारी में 100 गुना तक का इजाफा हो गया है। बीते साल के मुकाबले इस इजाफे की वजह कोरोना का डर भी माना जा रहा है। चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी में अचानक ढील दी है और करोड़ों लोग अब मार्केट में निकल रहे हैं, दफ्तर जा रहे हैं। इसके अलावा दूसरे देशों के नागरिकों को भी वीजा जारी किया जा रहा है। ऐसे में चीन में कोरोना के मामले बढ़े हैं। जेनेरिक नाम ओसेलटैमिविर से बेची जाने वाली बुखार की दवा की खरीद ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ताओबाओ और मॉल जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों पर मार्च महीने के ही शुरुआती 13 दिनों में 5 लाख 33 हजार से ज्यादा बुखार की गोलियां बिकी हैं। डेटा के मुताबिक बीते साल के मुताबिक औसत खरीददारी में 129 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। शंघाई में रहने वाले हेल्थकेयर एनालिस्ट वांग रुइझे ने कहा कि लोगों में इस बात का डर है कि देश में कोरोना का संकट बढ़ सकता है। ऐसे में वह डर के मारे बचाव के लिए बड़े पैमाने पर बुखार की दवाएं खरीद रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर दवाओं की खरीद के चलते बाजार में स्टॉक कम हुआ है और कीमतों में इजाफा हो रहा है। दरअसल चीन सरकार ने बीते साल के आखिर में जीरो कोविड पॉलिसी को अचानक ही पूरी तरह समाप्त कर दिया था। इसके बाद से ही केसों में इजाफा हुआ। हालांकि अब कोरोना के मामले कुछ कम हुए हैं, लेकिन लोगों में डर कायम है। ऐसे में लोग बड़े पैमाने पर बुखार की दवाएं खरीदकर घर में ही रखना चाहते हैं। वांग रुइझे ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि कुछ लोग ऐंटी-वायरल दवाओं को जमा कर रहे हैं। बच्चों में बुखार के मामले बढ़ने से पैरेंट्स में डर बढ़ा है।’
बुखार के केसों में चीन में तेजी से हुआ इजाफा
5 मार्च को शुरू हुए सप्ताह में भी बुखार के केसों में इजाफा देखने को मिला है। बीते सप्ताह में बुखार का पॉजिटिविटी रेट 42 फीसदी के करीब देखने को मिला है। इससे पहले यह 25 फीसदी ही था। बता दें कि चीन में जीरो कोविड पॉलिसी खत्म किए जाने के बाद दूसरे देशों में भी कोरोना को लेकर डर बढ़ा है। हालांकि भारत समेत कई देशों में अब तक हालात नियंत्रण में ही हैं।