फिर सुलगा मणिपुर, 400 दंगाइयों ने शस्त्रागार में की तोड़फोड़, सुरक्षाबलों पर फायरिंग

फिर सुलगा मणिपुर, 400 दंगाइयों ने शस्त्रागार में की तोड़फोड़, सुरक्षाबलों पर फायरिंगतकरीबन डेढ़ माह से हिंसा में आग में जल रहे मणिपुर में हालात अभी भी सामान्य नहीं हुए हैं। कई इलाकों में इंटरनेट पर बैन के अलावा धारा 144 लागू की गई है। बावजूद इसके दंगाई उपद्रव करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा घटना के तहत 400 दंगाइयों ने शस्त्रागार में तोड़फोड़ की, पुलिस थाने में लूट की कोशिश की गई। सुरक्षाबलों पर ऑटोमेटिक हथियारों से फायरिंग की गई। इतना ही नहीं हिंसाग्रस्त इलाकों में बीजेपी नेताओं के घरों को निशाना बनाया गया। उन्हें आग के हवाले किया। पुलिस टीम ने शनिवार को जानकारी दी कि उपद्रवियों को काबू में करने के लिए असम राइफल्स, रैपिड एक्शन फोर्स और राज्य पुलिस बल मिलकर काम कर रही है।

अस्पताल के पास आगजनी की कोशिश
एडवांस अस्पताल के पास पैलेस कंपाउंड में आगजनी की कोशिश की सूचना मिली थी। कल शाम लगभग 1,000 की भीड़ इकट्ठी हुई और आगजनी और तोड़फोड़ का प्रयास किया। आरएएफ ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और रबड़ की गोलियां चलाईं, जिसमें दो नागरिक घायल हो गए।

विधायक के घर घुसे दंगाई, हालात बेकाबू
मणिपुर विश्वविद्यालय के पास भी भीड़ जमा होने की सूचना मिली थी। रात 10 बजकर 40 मिनट पर थोंगजू के पास 200 से 300 लोग जमा हो गए और स्थानीय विधायक के आवास पर तोड़फोड़ करने का प्रयास किया। सेना के सूत्रों के अनुसार, 200 से 300 लोगों की भीड़ ने सिंजेमाई में आधी रात के बाद भाजपा कार्यालय को घेर लिया और सेना के एक दस्ते ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। कल रात ही एक अन्य भीड़ ने इंफाल पश्चिम जिले के इरिंगबाम पुलिस स्टेशन के शस्त्रागार में तोड़फोड़ करने का भी प्रयास किया। रात 11 बजकर 40 मिनट पर 300 से 400 लोगों ने थाने में तोड़फोड़ की और लूट की कोशिश की। आरएएफ ने भीड़ को तितर-बितर किया।

इससे पहले भीड़ ने आधी रात को इंफाल पश्चिम में राज्य भाजपा अध्यक्ष अधिकारमयुम शारदा देवी के आवास पर भी तोड़फोड़ की कोशिश की, लेकिन सेना और आरएएफ ने इसे रोक दिया। सेना के सूत्रों के मुताबिक, भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। मणिपुर में हुए हमलों के एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर को 1200 लोगों की भीड़ ने पेट्रोल बम फेंक कर जला दिया था।

गौरतलब है कि मणिपुर में दो समुदायों के बीच पिछले कुछ दिनों में राजनीतिक नेताओं की संपत्ति को निशाना बनाने के साथ हिंसा ने बदतर रूप ले लिया है। केंद्र एक शांति योजना को लागू करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, हालांकि वर्तमान में कानून और व्यवस्था की स्थिति बेहद अस्थिर बनी हुई है।