मुंबई। महाराष्ट्र में एनसीपी में फूट हुई है। अजित पवार ने एक बार फिर चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी है। हालांकि इस बार बगावत में अजित पवार अकेले नहीं हैं। बताया यह जा रहा है कि एनसीपी के कई अन्य नेता इस बार अजित पवार के साथ हैं। इस बगावत की जड़ में शरद पवार का वह निर्णय बताया जा रहा है, जिसमें उन्होंने पटना में विपक्षी एकता की बैठक में राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने का फैसला किया था। सूत्रों का कहना है अजित पवार के साथ गए विधायक शरद पवार के इस फैसले से नाराज थे।
दिन में अचानक बुलाई गई थी बैठक
गौरतलब है कि इससे पूर्व आज दिन में अचानक से एनसीपी नेताओं की बैठक अजित पवार के आवास पर बुलाई गई। इस बैठक में शामिल होने के लिए एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले, पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल समेत तमाम नेता वहां पर पहुंचे थे। इस बारे में शरद पवार का कहना था कि यह बैठक किसलिए बुलाई गई है, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा था कि विपक्ष का नेता होने के नाते अजित पवार को विधायकों की बैठक बुलाने का पूरा अधिकार है। वह लगातार ऐसा करते रहे हैं। शरद ने कहा था कि उन्हें मीटिंग के संबंध में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है।
पहली बार नहीं
बता दें कि यह पहली बार नहीं हैं जब अजित पवार ने शरद पवार से बगावत की है। इससे पहले साल 2019 में उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। तब भी शपथ ग्रहण बिल्कुल आनन-फानन में हुई थी। गौरतलब है कि कुछ ही दिनों पहले शरद पवार ने पार्टी में बदलाव किया था। तब उन्होंने अपनी बेटी सुप्रिया सुले और छगन भुजबल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। अजित पवार के बारे में उन्होंने कहा है कि उनके पास पहले ही विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी है। इसलिए उन्हें कोई नई भूमिका नहीं दी गई थी।