एक वक्त खाना खाऊंगा, लेकिन एनसीपी को फिर से खड़ा करूंगा। भतीजे अजित पवार की बगावत के बाद पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने में जुटे शरद पवार के ये शब्द हैं। वह इस पर अमल भी करते दिख रहे हैं। बगावत के अगले ही दिन सतारा जाने वाले शरद पवार अब पूरे प्रदेश का दौरा करने का प्लान कर रहे हैं। यही नहीं नेताओं की भी नई पीढ़ी खड़ी करने की कोशिश है, जो उनके परिवार के भी हैं और करीबी भी हैं। इन नेताओं में 4 लोगों के नाम चर्चा में हैं, जिनमें सबसे प्रमुख चेहरा रोहित पवार हैं, जो शरद पवार के बड़े भाई के पोते हैं।
शरद पवार को भरोसा है कि वही पार्टी के चेहरे हैं और बगावत के बाद भी वोटर उन्हें ही असली एनसीपी मानते हुए वोट देंगे। इसके साथ ही वह भविष्य के लिए सुरक्षित रास्ता तलाशते हुए नए चेहरों को प्रमोट कर रहे हैं। इनमें रोहित पवार अहम हैं, जो विधायक भी हैं और अकसर सुप्रिया सुले के साथ पार्टी की अहम मीटिंगों में रहते हैं। 37 साल के पवार कारजात सीट से विधायक हैं। एनसीपी के सूत्र कहते हैं कि शरद पवार पोते रोहित को स्टेट लेवल पर नेतृत्व के लिए तैयार कर रहे हैं। कहा जाता है कि रोहित पवार को प्रमोट किए जाने से भी अजित पवार असहज महसूस कर रहे थे।
रोहित पवार और पाटिल पर क्यों करते हैं भरोसा
रोहित पवार के अलावा पूर्व गृह मंत्री आरआर पाटिल के बेटे रोहित पाटिल की भी शरद पवार आगे बढ़ाने की कोशिश में हैं। रोहित पाटिल ने कहा कि भले ही कुछ बड़े नेता पार्टी छोड़कर गए हैं, लेकिन जनता शरद पवार साहब के साथ है। उन्होंने कहा कि हम लोगों के बीच ही जाएंगे, जो पार्टी की रीढ़ हैं। वह कहते हैं,’मेरे पिता किसी राजनीतिक बैकग्राउंड से नहीं थे। लेकिन शरद पवार साहब ने उन्हें होम मिनिस्टर बनाया गया था। मैं अपने पिता की जिंदगी को दिशा देने में उनके रोल को कैसे भूल सकता हूं? अब यह मेरी जिम्मेदारी है कि मुश्किल वक्त में पवार साहब के साथ रहें।’
सोनिया और रोहिणी को भी शरद पवार का आशीर्वाद