भारत के साथ तनावपूर्ण संबंध के बीच चीनी राजदूत वांग यी का बड़ा बयान आया है। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एक जयशकंर से कहा है कि द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की जरूरत है। दोनों देश सीमा पर बढ़ते सैन्य तनाव को कम करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान बैठकों के मौके पर वांग ने जयशंकर से कहा कि दोनों देशों के बीच संदेह के बजाय आपसी समर्थन की जरूरत है।
1990 के दशक के बाद दोनों देशों के संबंधों में सुधार हुआ था। चीन अब भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। हालांकि, 2020 में उस समय इस रिश्ते को झटका लगा, जब सीमा पर झड़प के दौरान आमने-सामने की लड़ाई में 20 भारतीय सैनिक शीहद हो गए। कई चीनी सैनिक भी मारे गए। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं की तरफ से मुस्तैदी बढ़ा दी गई। इसके बाद कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता हुई। दोनों सेनाओं के बीच तनाव कम करने में मदद भी मिली, लेकिन अभी भी संबंध सामान्य नहीं हुए हैं। भारत ने हाल ही में सीमा पर स्थिति को नाजुक और खतरनाक बताया है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष सीमा मुद्दों पर सैन्य कमांडर स्तर की अगले दौर की वार्ता शीघ्र आयोजित करने पर सहमत हुए हैं। 2020 के बाद से भारत ने भी चीनी व्यवसायों की जांच बढ़ा दी है। टिकटॉक सहित 300 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा चीनी कंपनियों के निवेश की जांच भी तेज कर दी है। चीनी कंपनियों के खिलाफ भारत के हालिया प्रतिबंधों पर वांग ने चीनी कंपनियों के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल बनाने का आग्रह किया है।