लखनऊ। दारा सिंह चौहान द्वारा विधानसभा सीट छोड़ने से अब वहां उपचुनाव होना भी तय है। यह चुनाव तो छोटा सा होगा, लेकिन आम चुनाव से पहले इसका नतीजा खासा अहम होगा। यह चुनावी जंग घोसी विधानसभा उपचुनाव के लिए होनी है। इसमें एक ओर अखिलेश यादव के ‘पीडीए’ की धार पहली परीक्षा होगी तो साथ ही सपा की सीट पर भाजपा की ताकत या दारा सिंह चौहान के असर का पता चलेगा। यह चुनाव एक तरह से भाजपा व सपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा की जंग बनेगा। सपा के सामने अपनी सीट बचाने की चुनौती होगी। हालांकि एक सीट पर हार जीत पर सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ना। लेकिन इस उपचुनाव के नतीजे से संदेश गहरा होगा।
अब जैसे जैसे लोकसभा चुनाव करीब आएगा दलबदल की मुहिम तेज होगी। अभी भाजपा के सहयोगी दलों ने दावा किया था कि सपा के 100 विधायक पार्टी के संपर्क में हैं और सपा छोड़ना चाहते हैं। जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था जो ऐसा कह रहे हैं, जाने वालों को ले जाएं। आने वाले दिनों में नेताओं को पार्टी छोड़ दूसरे दल में जाने का सिलसिला और तेज होगा।