भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले आक्रामकता को लेकर बयानबाजी जोरों पर हैं. ऑस्ट्रेलियाई पूर्व दिग्गजों के बीच चल रहे वाद विवादों के बीच क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के नए अध्यक्ष अर्ल एडिंग्स ने अपनी टेस्ट टीम से खिलाफ सीरीज में ‘आक्रामक लेकिन खेलभावना से’ खेलने का आग्रह किया है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट छह दिसंबर को एडीलेड में खेला जाएगा. नए कोच जस्टिन लैंगर के साथ खिलाड़ियों से पूरी ईमानदारी से खेलने की उम्मीद की जा रही है.
उल्लेखनीय है की बॉल टेम्परिंग विवाद के बाद ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की इस बात पर भी आलोचना हुई थी की वे काफी आक्रामक हो जाते हैं और मैच जीतने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. इस विवाद के बाद कई लोगों का यह मानना था कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को ज्यादा आक्रामकता से काम लेना छोड़ केवल खेल पर ध्यान देना चाहिए. वहीं कई दिग्गज तक इस बात से सहमत लगे.
क्लार्क ने पैरवी की थी आक्रामकता
इस कड़ी में पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा था, ‘‘मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को पसंदीदा बनने की चिंता छोड़ देनी चाहिए. ऑस्ट्रेलियाई शैली की कड़ी क्रिकेट खेलो चाहे कोई पसंद करे या नहीं, यह हमारे खून में है. अगर आप अपनी इस शैली को छोड़ने की कोशिश करते हो तो हो सकता है कि हम दुनिया की सबसे पसंदीदा टीम बन जाएं लेकिन हम मैच नहीं जीत पाएंगे. खिलाड़ी जीतना चाहते हैं.’’
साइमन कैटिच ने सहमत नहीं थे क्लार्क से
क्लार्क के बयान पर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था. पूर्व खिलाड़ी साइमन कैटिच ने उन पर आरोप लगाया था कि इसी तरह के रवैये ने टीम को धोखेबाजी तक पहुंचा दिया. वहीं मेलबर्न के खेल प्रसारक और लेखक गेरार्ड वाटले ने कहा कि क्लार्क की इस तरह की सोच ने उस संस्कृति को बढावा दिया कि टीम जीतने के लिये धोखेबाजी पर आमादा हो गई.क्लार्क ने जवाब में कहा, ‘‘गेरार्ड वाटले ने यह कहा कि गेंद से छेड़खानी जैसे मसलों के लिये मैं जिम्मेदार हूं तो वह कुछ और नहीं बल्कि सुर्खियों के पीछे भागने वाले कायर हैं.’’
यह कहा सीए चेयरमैन ने
एडिंग्स के हवाले से ‘सिडनी मार्निंग हेराल्ड’ में कहा गया, ‘‘अच्छा और आक्रामक क्रिकेट खेलो. लोग नहीं चाहते कि हम रक्षात्मक खेले लेकिन वे यह भी चाहते हैं कि हम खेल का सम्मान करें. अच्छी तरह जीते और हारने पर भी गरिमा बनाए रखें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं खिलाड़ियों को यही सलाह दूंगा कि अपना स्वाभाविक खेल दिखाएं. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटप्रेमी उनसे यही चाहते हैं.’’