विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के सांसद दो दिवसीय मणिपुर दौरे के लिए रवाना हो गए हैं। दौरे से पहले कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम वहां राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए नहीं बल्कि मणिपुर के लोगों के दर्द को समझने के लिए जा रहे हैं। हम सरकार से मणिपुर में उभरी संवेदनशील स्थिति का समाधान खोजने की अपील कर रहे हैं। सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है। हम मणिपुर में जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति का आकलन करने जा रहे हैं।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि आने वाले सप्ताह में हम मणिपुर के लोगों की चिंताओं को संसद के सामने रखना चाहते हैं। जो लोग एक भारत की बात करते थे उन्होंने मणिपुर में दो पक्ष बना दिए हैं।
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि हम मणिपुर के लोगों को सुनने और उनकी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहे हैं। हम सभी समुदाय के लोगों को सुनने की कोशिश करेंगे। यह हमारा एकमात्र उद्देश्य है।
आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है और प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी संसद में नहीं आ रहे हैं। इसलिए हमने जमीनी हालात देखने के लिए मणिपुर का दौरा करने का फैसला किया है।
इंडिया गठबंधन की 16 पार्टियों के 20 सांसद आज से मणिपुर का दौरा करेंगे। प्रतिनिधिमंडल द्वारा 30 जुलाई को मणिपुर की राज्यपाल से भी मुलाकात की जाएगी और उन्हें मणिपुर की स्थिति के बारे में अवगत कराया जाएगा। इस दौरे के बाद INDIA संगठन मणिपुर की स्थिति को लेकर संसद को भी अवगत कराएगा और प्रेस वार्ता भी की जाएगी।
मणिपुर में 3 मई को भड़की हिंसा पिछले तीन महीने से लगातार जारी है। मुख्य रूप से राज्य के कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष के चलते राज्य में 170 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग घायल हुए हैं। वहीं इस हिंसा में राज्य की एक बड़ी आबादी विस्थापित हुई है।