प्रतिरोध नहीं तो संबंध मर्जी के खिलाफ नहीं कह सकते, रेप के आरोप पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी

प्रतिरोध नहीं तो संबंध मर्जी के खिलाफ नहीं कह सकते, रेप के आरोप पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणीइलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि यदि विवाहित महिला प्रतिरोध नहीं करती तो यह नहीं कहा जा सकता कि किसी पुरुष के साथ उसका संबंध उसकी इच्छा के विरुद्ध था। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने रेप के मामले में आरोपी जौनपुर निवासी राकेश यादव व दो अन्य की याचिका पर दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने 40 वर्षीय विवाहिता से रेप के आरोपी राकेश यादव के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार और रेप का आरोप लगाने वाली महिला से छह सप्ताह में जवाब मांगा है।

महिला ने राकेश के भाई और पिता को भी आरोपी बनाया है। कहा कि राकेश के भाई और पिता ने भी शादी कराने का वादा किया था। राकेश का कहना था कि महिला´परिपक्व है और सभी स्थितियों से भलीभांति परिचित है। उसने सहमति से संबंध बनाए। वह लिव-इन रिलेशनशिप में थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी। राज्य सरकार और महिला को नोटिस जारी किया है।