दो फाड़ हो चुकी एनसीपी को फिर से एकजुट करने की कवायद लगातार जारी है. इस क्रम में चाचा शरद पवार और भतीजे अजित के बीच पटी खाई को भरने के लिए शनिवार को एक बिजनेसमैन के बंगले पर एक सीक्रेट मीटिंग हुई. हालांकि एक घंटे से ज्यादा समय तक चली इस मीटिंग में क्या बात हुई और इसका उद्देश्य क्या था, इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दोनों नेताओं की गाड़ियां बंगले से बाहर आती नजर आ रही हैं.
महाराष्ट्र में 2 जुलाई को अजित पवार पाला बदलकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए थे. उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. अजित के साथ छगन भुजबल, धनंजय मुंडे समेत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के आठ अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बाद से चाचा भतीजे कई दौर की बैठक कर चुके हैं. राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर तरह-तरह की सुगबुगाहट भी जारी है.
बता दें कि अजित पवार ने बगावत के बाद शरद पवार से मुलाकात भी की थी. इसके बाद शरद पवार गुट के विधायक बैचेन नजर आए थे. विधायक प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल से अजित पवार और बागी विधायकों के बारे में जल्द से जल्द रुख स्पष्ट करने को कह चुके हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार की लंबे समय तक चुप्पी को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की थी.
ताज महल होटल में हुई थी डिनर डिप्लोमेसी
कुछ दिन पहले ही जयंत पाटिल ने एनसीपी विधायकों को ताज महल होटल में डिनर के लिए आमंत्रित किया था. इसका मकसद सहयोगी विधायकों की भावनाओं को समझने की कोशिश था. डिनर में एक दर्जन से अधिक विधायक पहुंचे थे. इनमें जितेंद्र अव्हाड, रोहित पवार, संदीप क्षीरसागर, बालासाहेब पाटिल, अशोक पवार आदि शामिल थे.
चाचा से लगातार तीन बार मिले अजित पवार
डिनर में शामिल एक विधायक ने नाम न छापने की शर्त पर आजतक को बताया था कि होटल में पाटिल की डिनर डिप्लोमेसी का बिल्कुल उल्टा असर हुआ था. दरअसल, एनसीपी के बागी विधायक छगन भुजबल के गढ़ येओला में शरद पवार की रैली के बाद अजित पवार ने अपने चाचा से लगातार तीन बार मुलाकात की थी.
अजित पवार ने दी थी BJP से हाथ मिलाने की सलाह
अजित ने शरद पवार को अपना नेता बनने और बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के लिए मनाने की कोशिश की थी. उनकी पहली मुलाकात एक बहुत ही परिचित घटना थी, जब वह अपनी पत्नी सुनेत्रा और बेटे पार्थ के साथ शरद पवार के निवास सिल्वर ओक गए थे. उस दौरे के बाद अजित पवार ने अपने नवनियुक्त मंत्रियों और अपने समर्थक विधायकों के साथ शरद पवार से मुलाकात की थी.