नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड प्रकरण के सिलसिले मे कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के 2011-12 के कर निधारण मामलों को फिर से खोलने की अनुमति आयकर विभाग को दे दी. न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने यह अनुमति देने के साथ ही आयकर विभाग को राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ कार्यवाही में अपने आदेश पर शीर्ष अदालत में दोनों नेताओं की याचिका लंबित होने के दौरान अमल नहीं करने का निर्देश दिया है.
पीठ ने यह भी कहा है कि इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की याचिकाओं के गुण-दोष पर वह कोई राय व्यक्त नहीं कर रही है. न्यायालय ने इसके साथ ही इस मामले को अगले साल आठ जनवरी को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया. कर संबंधी यह मामला नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़ा है जिसमे कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही चल रही है.
आयकर विभाग की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि न्यायालय को राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य के खिलाफ कर निर्धारण आदेश पर अमल करने से आयकर विभाग को नहीं रोका जाना चाहिए. उनका कहना था कि न्यायालय को मामले की सुनवाई करके उचित आदेश पारित करना चाहिए.
हालांकि पीठ ने कहा कि समय के अभाव की वजह से इस मामले की मंगलवार को सुनवाई नहीं की जा सकती और यह सिर्फ एक अंतरिम आदेश है जो दोनों ही पक्षों के लिये न्यायोचित है. पीठ ने कहा कि वह इस मामले के गुण दोष पर नहीं जा रही है क्योंकि इसके लिये विस्तार से सुनवाई की आवश्यकता है. राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आस्कर फर्नाण्डीज ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 10 सितंबर के फैसले को चुनौती दे रखी है. उच्च न्यायालय ने वर्ष 2011-12 के कर निर्धारण को फिर से खोलने के आयकर विभाग के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी.
शीर्ष अदालत ने 13 नवंबर को कहा था कि इन याचिकाओं पर चार दिसंबर को अंतिम बहस सुनी जायेगी. न्यायालय ने राहुल, सोनिया और फर्नाण्डीज की याचिकाओं पर कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है क्योंकि आयकर विभाग का प्रतिनिधत्व उसके वकील ने किया था. कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आयकर विभाग की जांच नेशनल हेरॉल्ड मामले के संबंध में निचली अदालत में भाजपा नेता सुब्रमणियम स्वामी की निजी आपराधिक शिकायत का नतीजा है जिसमे ये नेता जमानत पर हैं.
राहुल गांधी और सोनिया गांधी को निचली अदालत ने 19 दिसंबर, 2015 को जमानत दी थी. स्वामी ने वित्त मंत्री को भी कर चोरी के बारे में याचिका दी थी. स्वामी ने निचली अदालत में दायर अपनी शिकायत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर यंग इंडिया के जरिये सिर्फ 50 लाख रूपए का भुगतान कर कांग्रेस पार्टी के स्वामित्व वाले एसोसिएटेड जर्नल्स के 90.25 करोड़ रूपए वसूल करने का अधिकार हासिल करके धोखा और गबन करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है.
यह भी आरोप है कि यंग इंडिया का 50 लाख रूपए की पूंजी से नवंबर 2010 में सृजन किया गया था और उसने नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाले एसोसिएटेड जर्नल्स के लगभग सारे शेयर ले लिये थे. आयकर विभाग का कहना था कि यंग इंडिया में राहुल के जो शेयर हैं उससे उन्हें पहले कर निर्धारण के अनुसार करीब 68 लाख रूपए की नहीं बल्कि 154 करोड़ रूपए की आमदनी होगी. आय कर विभाग पहले ही यंग इंडिया को कर निधारण वर्ष 2011-12 के लिये 249.15 रूपए की मांग का नोटिस जारी कर चुका है.