बीते काफी समय से अंतर्राष्ट्रीय गलियारों में रूसी राष्ट्रपति पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की मुलाकात की अटकलें तेज थीं. लेकिन अब दोनों देशों की ओर से पुतिन और किम के जल्द मुलाकात की पुष्टि कर दी गई है. कहा जा रहा है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग जल्द ही रूस जाने वाले हैं, जहां वह राष्ट्रपति पुतिन से मिलेंगे. इस मुलाकात से पश्चिमी देशों की चिंताएं बढ़ गई है जिसकी वजह दोनों देशों के बीच होने वाला संभावित हथियार सौदा है.
रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमिलन की वेबसाइट पर जारी बयान में कहा गया है कि पुतिन के न्योते पर किम जोंग उन रूस आएंगे और यह मुलाकात आगामी दिनों में होगी. उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए ने भी किम जोंग के पुतिन से मिलने की पुष्टि की है.
क्या रूस के लिए रवाना हो गए हैं किम जोंग?
एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के कुछ पत्रकारों ने उत्तर कोरिया-रूस की सीमा के पास एक स्टेशन पर किम जोंग उन की विशेष ट्रेन देखी. हरे और पीले रंग की इस ट्रेन का इस्तेमाल किम जोंग विदेशी दौरों के लिए करते हैं. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि किम जोंग इस ट्रेन में सवार थे या नहीं?
क्या मंगलवार को पुतिन से मिलेंगे किम जोंग?
जापान की क्योदो न्यूज एजेंसी ने भी जानकारी दी है कि किम जोंग संभावित रूप से ट्रेन के जरिए रूस जा रहे हैं. बता दें कि पिछले हफ्ते ही अमेरिका के खुफिया अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी सामने आई थी कि किम जोंग उन और पुतिन के बीच इस महीने बातचीत हो सकती है.
रूस-उत्तर कोरिया में बढ़ रहीं करीबियां
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के अधिकारी जॉन किर्बी ने 30 अगस्त को बताया था कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच हथियारों को लेकर बात आगे बढ़ रही है, क्योंकि पुतिन अपनी ‘वॉर मशीन’ को बढ़ाना चाहते हैं.
यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस पर कई सारे प्रतिबंध लगे हैं. यही वजह है कि अब हथियारों के लिए रूस, उत्तर कोरिया से हाथ मिला रहा है. उत्तर कोरिया ने पिछले साल ही रूस को रॉकेट और मिसाइलें दी थीं.
जॉन किर्बी का दावा है कि उत्तर कोरिया हथियारों की बिक्री के बदले में रूस से टेक्नोलॉजी मांग सकता है. अगर ऐसा होता है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. उत्तर कोरिया पर भी कई सारे प्रतिबंध लगे हैं. लेकिन अगर उसे रूस से टेक्नोलॉजी मिलती है तो इससे उसके हथियारों का जखीरा बढ़ सकता है.
दोनों के बीच बढ़ रही सैन्य दोस्ती
उत्तर कोरिया और रूस के बीच सैन्य दोस्ती अच्छी-खासी बढ़ रही है. अमेरिका का दावा है कि सितंबर 2022 में उत्तर कोरिया ने रूस को भारी मात्रा में तोपें और गोला-बारूद दिया था. जनवरी 2023 में भी उत्तर कोरिया ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन की प्राइवेट आर्मी कहे जाने वाले वैगनर ग्रुप को रॉकेट और मिसाइलें मुहैया कराई थीं. इतना ही नहीं, अमेरिका ने उत्तर कोरिया और रूस की सीमा की एक सैटेलाइट तस्वीर भी साझा की थी, जिसमें एक ट्रेन घातक हथियारों को ले जाते दिख रही थी.
अगर पुतिन और किम जोंग के बीच हथियारों को लेकर कोई डील होती है तो जाहिर है कि इससे यूक्रेन में जंग लड़ रहे रूस को फायदा होगा. लेकिन सवाल ये उठता है कि इससे किम जोंग-उन को क्या मिलेगा? अगर बात बनती है तो इससे उत्तर कोरिया को रेवेन्यू जेनरेट करने में काफी मदद मिलेगी. ये उसके लिए राहत की बात होगी, क्योंकि प्रतिबंधों की वजह से वहां कई चीजों की किल्लत है. इसके साथ ही उत्तर कोरिया का डिफेंस एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा.
उत्तर कोरिया को इस वक्त खाने-पीने का सामान और बाकी दूसरी बुनियादी चीजों की सख्त जरूरत है. लेकिन, उसके लिए खाने-पीने के सामान से ज्यादा जरूरी हथियार हैं. और यही दुनिया के लिए टेंशन की बात है. उत्तर कोरिया अपने हथियारों को विकसित करना चाहता है. इसमें उसकी परमाणु और लंबी दूरी की मिसाइलें भी शामिल हैं. और इसके लिए वो हथियारों की बिक्री पर ही निर्भर है.