लखनऊ। पेट परीक्षा साल्वर गैंग का सरगना बिहार सीमा पर स्थित देवरिया जिले के भिंगारी बाजार, थाना खामपुर निवासी दुर्गा प्रसाद शाही निकला। उसने पेट परीक्षा में 300 लोगों को पास कराने का ठेका ले रखा था। परीक्षा के पहले दिन उसके गुर्गे पकड़ लिए जाने के बाद दूसरे दिन वह बैकफुट पर आ गया। खुद भी मुल्जिम बनने के बाद अंडरग्राउंड हो गया।
बताते हैं कि वह अपने गांव भिंगारी बाजार में एक डिग्री कालेज का बतौर प्रबंधक संचालन भी करता है। पिछले चार पांच सालों से यह भर्ती परीक्षाओं में बिहार के साल्वरों को बैठाता रहा है। कंप्टीशन की तैयारी करने वाले कमजोर छात्रों को भरोसा दिलाने के लिए इस बार पेट 2023 की परीक्षा में पहले दिन दूसरी पाली में कर्मा देवी डिग्री कालेज केन्द्र पर स्वयं भी परीक्षार्थी के रूप में अपने आप को पंजीकृत कराया था, लेकिन अपनी जगह पर बिहार के नेवादा निवासी विवेक कुमार को बैठा रखा था। फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से इसे पकड़ा गया और पूछताछ में रैकेट का खुलासा हुआ। नगर थाने में दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है। इस हाईटेक साल्वर गैंग में एक और शातिर शामिल है। पेपर साल्व कराने के एवज में परीक्षार्थियों से मोटी रकम की वसूली किया करते थे। अंतरराज्यीय सॉल्वर गिरोह का सरगना अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
यह गिरोह प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वाले युवाओं से पैसे की डील करके उन्हें पास कराने का ठेका लेता था। कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे, बैंक और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नकली फिंगर प्रिंट बनाना और अभ्यर्थी की जगह सॉल्वर को बैठाकर परीक्षा पास कराता था। पड़ियापार देवरिया निवासी रामहृदय पटेल से परीक्षा पास कराने के लिए 30 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था। 20 हजार रुपये पहले ले लिए गए थे। शेष 10 हजार रुपये उसे देने थे। उसका प्रवेश पत्र और प्रमाण पत्र गिरोह के पास जमा था। जानकारी के बाद वाल्टरगंज थाना पुलिस ने अजय कुमार निवासी मधुबनी बिहार को पकड़ा। रामहृदय की जगह परीक्षा में अजय कुमार बैठा था। दोनों के खिलाफ पुलिस प्रिंसपल पूजा वर्मा की तहरीर पर केस दर्ज है।