लखनऊ। ‘भ्रष्टाचार वह दंश है, जो देश को अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है.’ ये लाइन अपने अक्सर सुनी होगी. देश में भ्रष्टाचार को काबू करने के लिए भ्रष्टाचारियों और रिश्वतखोरों पर हर दिन कार्रवाई भी होती है. मगर फिर भी भ्रष्टाचार और रिश्वतखोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं. दरअसल आज हम भ्रष्टाचारियों और रिश्वतखोरों की चर्चा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक पुलिस दारोगा ही रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है.
ये पुलिसकर्मी चौक इंचार्ज थे. पूरी चौकी की जिम्मेदारी इनकी थी. मगर एंटी करप्शन टीम के सदस्य दारोगा को अपने साथ ऐसे खींच कर लेकर गए, जिससे अब हर तरफ इस मामले की ही चर्चा हो रही है. दरअसल हरौनी चौकी इंचार्ज राहुल त्रिपाठी युवा पुलिसकर्मी है. मगर उनपर रिश्वत लेने का आरोप लग गया. बकायदा एंटी करप्शन टीम के सदस्यों ने रंगेहाथ दारोगा को पकड़ लिया.
दारोगा को खींच कर ले गई ACB टीम
मिली जानकारी के मुताबिक, शख्स ने दारोगा द्वारा रिश्वत लिए जाने की सूचना एंटी करप्शन टीम को दे दी. एंटी करप्शन टीम ने अपना जाल बिछा लिया. दारोगा को इस बात की खबर ही नहीं लगी कि वह एंटी करप्शन टीम के जाल में फंस चुके हैं. बताया जा रहा है कि एंटी करप्शन टीम ने दारोगा को रंगे हाथों 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा है.
एंटी करप्शन टीम की टीम ने दारोगा को चारों तरफ से दबोच लिया. इस दौरान दारोगा ने एंटी करप्शन टीम के सदस्यों की पकड़ से खुद को छुड़ाने की काफी कोशिश की. मगर वह खुद को छुड़ा नहीं सका. यहां तक की सिपाहियों तक ने दारोगा को छुड़ाने की कोशिश की. मगर एंटी करप्शन टीम के सदस्यों के सामने किसी की एक नहीं चली.
गाड़ी तक में दारोगा को बैठाना पड़ा भारी
बता दें कि इस मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है. इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे एंटी करप्शन टीम के सदस्य दारोगा को पकड़ कर ले जा रहे हैं और दारोगा बचने के लिए अपने हाथ-पैर चला रहा है. यहां तक की जब दारोगा को गाड़ी में बैठाने के लिए ले जाया गया, तब भी दारोगा गाड़ी में बैठने के लिए तैयार नहीं हुआ. इस दौरान दारोगा को जबरन और धक्का देकर गाड़ी के अंदर पहुंचाया गया और उसे गाड़ी में बैठाया गया. फिलहाल ये मामला चर्चाओं में बना हुआ है.