उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाव अभियान के 17वें दिन सुरक्षित बाहर निकाले जाने पर प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर की है। पीएम मोदी ने अपने ऑफिसियल एक्स हैंडल पर लिखा, कहा, ‘उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है।’
पीएम मोदी ने आगे लिखा, ‘टनल में जो साथी फंसे हुए थे। उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे।’
पीएम मोदी ने लिखा, ‘इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है। मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं। उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।’ बता दें कि मजदूरों को टनल से बाहर निकालने के बाद अस्पताल भेजा जा रहा है।’
उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है।
टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
यह अत्यंत…
— Narendra Modi (@narendramodi) November 28, 2023
सुरंग में भरे मलबे को भेद कर 800 एमएम की पाइप भीतर फंसे लोगों के पास पहुंच गई। इस पाइप टनल से मंगलवार रात 7.15 बजे से मजदूरों को बाहर निकालने का काम शुरू हुआ। अभूतपूर्व अभियान के बाद इन्हें सकुशल बाहर निकाला गया। मलबे से बंद सुरंग में चार और छह इंच के पाइप के जरिए मिल रही ऑक्सीजन और भोजन के भरोसे जी रहे मजदूरों को अंदर 398 घंटे से ज्यादा वक्त बिताना पड़ा।
मंगलवार दोपहर करीब एक बजे जैसे ही पाइप टनल के मलबे के पार होने की सूचना मिली, पूरे सिलक्यारा में उत्सव का माहौल बन गया। सूचना मिलते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी भी दोबारा उत्तरकाशी पहुंच गए। वह सुबह भी सीएम सिलक्यारा गए थे और वहां बाबा बौखनाथ से सभी को सकुशल बाहर निकालने का आशीर्वाद मांगा था। पाइप टनल बनने के फौरन बाद सुरंग में नौ बेड का अस्थायी अस्पताल तैयार कर दिया गया था। देर शाम को जैसे की पहला मजदूर पाइप टनल के रास्ते बाहर निकाला सीएम धामी ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया।
अंतिम क्षणों में फिर आई बाधा
रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम क्षणों में मलबे के रूप में एक बार फिर से बाधा आने से चार घंटे से ज्यादा वक्त तक काम रोकना पड़ा। सूत्रों के अनुसार, पाइप टनल बनाने की वजह से वहां दोबारा मलबा आने लगा था। मलबे की सफाई के बाद भीतर फंसे लोगों को पाइप टलन तक लाने के लिए प्लेटफार्म तैयार करना पड़ा। रात करीब सवा सात बजे प्लेटफार्म और पाइप की वेल्डिंग का काम पूरा होने के बाद मजदूरों को बाहर निकाला जाने लगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं दोबारा टनल में जाकर मजदूरों को स्वागत किया। इससे पहले उन्होंने सुरंग में दोबारा जाने से पहले बाबा बौखनाग का आशीर्वाद लिया था। उनके साथ केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह (सेनि.ð) भी मौजूद थे।
12 नवंबर को दिवाली के दिन फंसे थे
12 नवंबर को दिवाली के त्योहार की सुबह पांच बजे के करीब भूस्खलन की वजह से 41 मजदूर सुरंग के भीतर फंस गए थे। तब से उन्हें बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा था। कई मजदूरों के परिजन भी सिलक्यारा पहुंच गए थे। पीएमओ लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन पर निगाह बनाए हुए था। पीएमओ के अधिकारियों की टीम पिछले कई दिनों से यहां कैंप किए हुए थी।