अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का दर्शन करने के लिए मंगलवार को भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने लोगों को किसी तरह संभालने की कोशिश की। इसके बाद भी जब भक्त बेकाबू हुए तो लाठियां बरसा कर किसी तरह उन्हें रोका गया। मामला बिगड़ता देख कमिश्नर, आईजी और एडीजी भी मौके पर पहुंचे और हाथों में लाउडस्पीकर लेकर भक्तों से शांति बनाए रखने की अपील करते रहे। कुछ देर में डीजी प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी राम मंदिर पहुंच गए हैं। खुद भीड़ को संभालने के लिए मोर्चा संभाल लिया। वहीं, भारी भीड़ को देखते हुए दूसरे जिलों से अयोध्या आने वाले रास्तों पर भी गाड़ियों को रोका जा रहा है। उन्हें अयोध्या में भारी भीड़ होने की जानकारी देकर किसी औऱ दिन आने की अपील की जा रही है।
करीब दो बजे अंदर और बाहर दोनों जगह भक्तों की भारी भीड़ बेकाबू होने लगी तो पुलिस ने लाठियां बरसानी शुरू कर दी। भक्तों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और हवा में लाठियां लहराई। इससे भगदड़ भी मची और कई लोग फिसलकर घायल हो गए। भीड़ में फंसी कुछ बुजुर्ग महिलाओं को किसी तरह पुलिस वालों ने बाहर निकाला।
लाठियां बरसाने से हुई भगदड़ के बाद मंडलायुक्त और आईजी भी पहुंचे और व्यवस्था का जायजा लिया। जन्मभूमि पथ पर भीड़ का दबाव को देखते हुए श्रद्धालुओं को लाउडस्पीकर से धैर्य रखने को खुध एडीजी जोन पीयूष मोडिया अपील करते रहे। मंडलायुक्त गौरव दयाल और आईजी प्रवीण कुमार मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंचे। अधिकारयों ने व्यवस्था का जायजा लिया। गेट पर मौजूद जिम्मेदारों को आवश्यक निर्देश दिए। इसके बाद राम भक्तों की भारी भीड़ और व भीड़ के बढ़ते दबाव को देखते हुए मुख्य प्रवेश द्वार से लाइन लगाकर एक-एक भक्त को प्रवेश देने का कार्य शुरू कर दिया गया है। अब एक-एक करके राम भक्तों को भीतर प्रवेश दिया जाने लगा। हालांकि कुछ देर बाद ही यह सिलसिला टूट गया और भक्त बेकाबू होकर एक साथ अंदर घुस गए।