हल्द्वानी हिंसा के पीछे प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पाॅपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और बांग्लादेशी घुसपैठियों का हाथ हो सकता है। यह आशंका बीजेपी के राज्यसभा सांसद बृजलाल ने जताई है। वे उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (EX DGP) भी रह चुके हैं। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को जायज ठहराते हुए उन्होंने दंगाइयों पर ऐसी धाराएँ लगाने की वकालत की है जिससे उन्हें जमानत भी न मिल सके।
हल्द्वानी में गुरुवार (8 फरवरी, 2024) को मुस्लिम भीड़ ने अतिक्रमण हटाने पहुँची पुलिस-प्रशासन की टीम पर हमला कर दिया था और जम कर हिंसा की थी। सांसद बृजलाल का कहना है कि जिस तरीके से इस हिंसा को अंजाम दिया गया है उससे यह सुनियोजित लगता है। घटना की विस्तृत जाँच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की उन्होंने माँग की है। इसके लिए उन्होंने कहा है कि आरोपितों पर ऐसी धाराएँ लगाईं जाएँ, जिनमें उन्हें जमानत तक ना मिले।
भाजपा सांसद ने कहा है कि इस हिंसा के पीछे प्रतिबंधित इस्लामी संगठन PFI और भारत में चोरी-छुपे आए बांग्लादेशी घुसपैठियों का हाथ भी हो सकता है। हल्द्वानी में थाने पर हमले को उन्होंने गंभीर अपराध बताते हुए इन दंगों के मास्टरमाइंड को जेल भेजने की माँग की है। जिस अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान पुलिस और प्रशासन पर हमला हुआ, उसे सांसद बृजलाल ने पूरी तरह से कानूनी बताया है। उन्होंने कहा है कि यह मामला न्यायालय में नहीं था, ऐसे में कार्रवाई होनी थी और यह सही है।
बृजलाल वर्ष 2011-12 के बीच उत्तर प्रदेश के पुलिस के मुखिया रहे थे। वह 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। गौरतलब है कि हल्द्वानी में पुलिस-प्रशासन की टीम मुस्लिम बहुल इलाके बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने पहुँची थी। इस दौरान कट्टरपंथी मुस्लिम दंगाइयों ने इन पर हमला बोल दिया। हमले में सैकड़ों पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
इस्लामी दंगाइयों ने इस दौरान खूब उत्पात मचाया और कई वाहन भी जलाए। हमले में कई महिला पुलिसकर्मी भी घायल हुई हैं। इस पूरे बवाल के बाद हल्द्वानी में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। प्रशासन ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं। हिंसा में अब तक 6 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है।