उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में करीम के बढ़ते कदम

योगी सरकार की ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत चल रही अनुकूल नीतियों का ही परिणाम है कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के शुभारंभ के समय दुनियाभर में अपने मुगलई खाने के लिए मशहूर पुरानी दिल्ली के जामा ​मस्जिद स्थित करीम रेस्टोरेंट ने अलीगंज, लखनऊ में अपना दस्तरखान सजाया है । शुभारंभ के मौके पर जनाब आसिफ ने योगी आदित्यनाथ के शब्दों को दोहराते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में व्यवसाय के लिए जहां अनलिमिटेड पोटेंशियल है तो वही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुग़लई खानों के दीवानों का एक नया दौर देखने को मिलता है। योगी सरकार द्वारा दिए जा रहे सम्मान, सुरक्षा और सुशासन को देखकर कोई भी उद्यमी उत्तर प्रदेश में निवेश करने से नहीं डरता है और लखनऊ से शुभारंभ कर मशहूर करीम होटल की अन्य शाखाएं उत्तर प्रदेश के अनेक शहरों में खोलकर न सिर्फ भारी मात्रा में निवेश किया जाएगा बल्कि रोजगार भी उपलब्ध कराया जायेगा।
मुगलई खाने के बारे में खास जानकारी रखने वाले पुराने लखनऊ निवासी शरीक बेग ने इस खास मौके पर बताया कि लखनऊ के करीम होटल में खास किस्म का दस्तरखान देखने को मिलेगा जिसका अंदाज़ कुछ नया होगा लेकिन ज़ायका वही होगा जिसके लिए पुरानी दिल्ली का करीम होटल जाना जाता था। यहां तंदूरी चिकन, मटन कोरमा, शीरमाल और मुसल्लम अपने पुराने ज़ायके के साथ मिलेगा। दिल्ली के करीम होटल को खास मुकाम तक पहुंचाने वाले हाजी जहीरूद्दीन मुगल शाही बावर्ची खाने से थे और जिस तरह उनके द्वारा मसाले पर खास ध्यान रखा जाता था उसी तरह के खास मसाले लखनऊ के करीम होटल के खाने में मिलेंगे। लखनऊ वासियों को हाजी जहीरूद्दीन के सिखाये हुए हाथों का करिश्मा और उनके बताए हुए मसालों के ज़ायके के लिए दिल्ली की जमामस्ज़िद इलाके में जाने की ज़रूरत नही पड़ेगी क्योंकि वही ज़ायका अब लखनऊ में अलीगंज स्थित करीम होटल में खाने को मिलेगा।
गंगा जमुनी तहजीब परंपरा को कायम।रखते हुए उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को।मजबूती देते हुए यूसुफ अली के लूलू मॉल के बाद पुरानी दिल्ली स्थित करीम होटल ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है । दिल्ली का ये ज़ायका कितनों के दिलो में समाता है ये तो आने वाला वक़्त बताएगा , फ़िलहाल इनकी कामयाबी के लिए हम सबकी दुआ इनके साथ है।