INDI गठबंधन की राह पश्चिम बंगाल में दिन-प्रतिदिन मुश्किल होती जा रही है। यहाँ विपक्षी पार्टियों के बीच समझौता नहीं हो पा रहा। जहाँ कॉन्ग्रेस का केन्द्रीय नेतृत्व चाहता है कि वह सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के साथ चुनाव लड़े, वहीं राज्य नेतृत्व वाम दलों के साथ गठबंधन करने के लिए जोर लगा रहा है।
वाम दलों के साथ गठबंधन के लिए जोर लगाने में सबसे आगे बंगाल कॉन्ग्रेस के मुखिया और कॉन्ग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी हैं। वह चाहते है कि राज्य में TMC के बजाय वाम दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाए। उधर TMC ने एकला चलो नीति से हटने से इंकार कर दिया है।
गौरतलब है कि हाल ही में कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने इस बात के संकेत दिए थे कि बंगाल में TMC से सीट समझौते को लेकर उनकी पार्टी की बातचीत अभी भी जारी है। हालाँकि, उनके इस दावे को बंगाल कॉन्ग्रेस के मुखिया अधीर रंजन चौधरी ने नकार दिया।
अधीर रंजन चौधरी ने जयराम के दावे पर कहा, “मुझे नहीं मालूम जयराम रमेश ने क्या कहा है, लेकिन मैं बंगाल में कॉन्ग्रेस का अध्यक्ष हूँ और मुझे ऐसी किसी बातचीत की जानकारी नहीं है। मुझे नहीं मालूम कि मेरी अनुपस्थिति में कुछ हुआ हो और दूसरी बात TMC ने पहले ही बंगाल में सभी 42 सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान किया है।”
उन्होंने इस दौरान बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC की सुप्रीमो ममता बनर्जी पर INDI गठबंधन को लेकर यू टर्न लेने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ जयराम रमेश के गठबंधन और सीट समझौते के दावे को TMC ने भी नकार दिया। उसने कहा कि बंगाल में सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर उसका स्टैंड एकदम साफ़ है।
गौरतलब है कि TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पिछले महीने बंगाल में अकेले ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। दरअसल, अधीर रंजन चौधरी के TMC के साथ गठबंधन ना करने की वकालत के कई कारण है। वह लगातार बंगाल में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर बोलते आए हैं और CM ममता बनर्जी को निशाने पर लेते रहे हैं।
वह बंगाल में राष्ट्रपति शासन की माँग भी कर चुके हैं। उनके और TMC के नेताओं के बीच बयानबाजी लगातार जारी रहती है। इसके अलावा, यदि बंगाल में TMC के साथ कॉन्ग्रेस का गठबंधन हो गया तो अधीर को अपनी बहरामपुर लोकसभा उसके खाते में जाती दिख रही है।