जौनपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जौनपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार के नाम पर चर्चा तेज हो गई है। कौन उम्मीदवार होगा? यह सवाल उठने लगा है। दरअसल, आईएएस अभिषेक सिंह का इस्तीफा मंजूर होने के बाद एनडीए की ओर से उनके उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई है। अभिषेक सिंह पिछले दिनों राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान जौनपुर से हजारों लोगों को अयोध्या भेज रहे थे। क्षेत्र में लगातार अपनी पकड़ बनाने की कोशिश करते दिखे हैं। वहीं, बाहुबली धनंजय सिंह भी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी पेश करते दिख रहे हैं। जौनपुर से वर्तमान बहुजन समाज पार्टी सांसद श्याम सिंह यादव पिछले दिनों राहुल गांधी की न्याय यात्रा के साथ दिखे थे। ऐसे में माना जा रहा है कि वे पाला बदल सकते हैं। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के तहत यह सीट कांग्रेस के पाले में गई है। ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस श्याम सिंह यादव को उतार सकती है।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए दिल्ली में भाजपा के चुनाव अभियान समिति की बैठक हो रही है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम सदस्य शामिल होंगे। इसमें उत्तर प्रदेश की उन 16 लोकसभा सीटों को भी शामिल किया गया है, जहां लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जाना है। माना जा रहा है कि गुरुवार को हो रही बैठक के बाद जौनपुर समेत यूपी की 16 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जाएगा। ऐसे में जौनपुर का मामला गरमा गया है।
जौनपुर सीट पर नीतीश कुमार की नजर रही है। दरअसल, यहां से नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के प्रदेश अध्यक्ष धनंजय सिंह अपनी तैयारी करते दिखे हैं। धनंजय सिंह यहां से पहले भी सांसद रह चुके हैं। भाजपा को इस सीट पर अब तक उस स्तर की सफलता नहीं मिली है। ऐसे में धनंजय सिंह पर भाजपा दांव लगा सकती है। इससे नीतीश कुमार पर पार्टी को बिहार में दबाव बनाने में भी मदद मिल सकेगी। एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी के बाद यूपी में उनका फायदा भाजपा उठा सकती है। धनंजय के जरिए यह स्थिति बदल सकती है।
आईएएस अभिषेक सिंह भी जौनपुर में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश करते दिख रहे हैं। अभिषेक सिंह ने अभिनय के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। वहीं, नेता बनने की राह पर भी वे हैं। आईएएस ने पिछले साल इस्तीफा दे दिया था। यूपी सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। ऐसे में उनके राजनीति में आने की चर्चा तेज है। वह जौनपुर सीट से दावेदारी कर रहे हैं। जौनपुर के लोगों को राम मंदिर दर्शन के लिए भेजकर वे भाजपा की राजनीति में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश करते दिखे हैं। दरअसल, अभिषेक की चर्चा गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के समय तेज हुई थी। अभिषेक सिंह वर्ष 2015 में तीन साल के लिए दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए थे। वर्ष 2018 में यह अवधि दो साल के लिए बढ़ाई गई।
अभिषेक सिंह मेडिकल लीव पर चले गए। इसके बाद दिल्ली सरकार ने अभिषेक सिंह को अपने मूल कैडर यूपी भेज दिया। 30 जून 2022 को ड्यूटी जॉइन किया। अभिषेक सिंह को गुजरात विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग की तरफ से प्रेक्षक बनाया गया। इस दौरान उन्होंने सरकारी कार के आगे फोटो खिंचवाई। सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी। चुनाव आयोग ने इसे अनुशासनहीनता माना। 18 नवंबर 2022 को प्रेक्षक ड्यूटी से हटा दिया। यूपी वापस आने के बाद उन्होंने पिछले साल इस्तीफा दिया था।
श्याम सिंह यादव की राजनीति अलग रही है। बसपा सांसद ने पिछले दिनों कांग्रेस से निकटता उन्होंने दिखाई है। वर्ष 2019 के चुनाव में सपा- बसपा गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने जीत दर्ज की थी। हालांकि, अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। जौनपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के नेता कृष्ण प्रताप उर्फ केपी ने 2014 में जीत दर्ज की थी। उन्होंने इस सीट पर बसपा के दिग्गज धनंजय सिंह को हराया था। 2019 में सपा- बसपा के श्याम सिंह यादव ने केपी सिंह को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया।
जौनपुर लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की पांच सीटें आती है। इनमें बदलापुर, शाहगंज, जौनपुर, मल्हनी और मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा सीट शामिल हैं। आजमगढ़ से सटी इस लोकसभा सीट पर सपा- बसपा का प्रभाव रहा है। इस कारण अब यहां से बनने वाल उम्मीदवारों पर हर किसी की नजर होगी।
भाजपा चुनाव अभियान समिति की बैठक दिल्ली में शुरू हो रही है। गुरुवार को होने वाली बैठक में पार्टी के सीनियर नेता शामिल होंगे। इसमें करीब 100 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल होने की चर्चा है। इसमें भाजपा जौनपुर लोकसभा सीट पर भी उम्मीदवार का नाम तय होना है। माना जा रहा है कि आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को जीत मिली थी। ऐसे में पहले चरण में इन दोनों सीटों के उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं हो सकती है।
यूपी की इन सीटों पर तय हो सकते हैं नाम-
लोकसभा सीट | सांसद | पार्टी |
बिजनौर | मलूक नागर | बसपा |
अमरोहा | कुंवर दानिश अली | बसपा |
मुरादाबाद | डॉ. एसटी हसन | सपा |
संभल | डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क | सपा |
रायबरेली | सोनिया गांधी | कांग्रेस |
घोसी | अतुल राय | बसपा |
लालगंज | संगीता आजाद | बसपा |
जौनपुर | श्याम सिंह यादव | बसपा |
अंबेडकर नगर | रितेश पांडेय | बसपा |
गाजीपुर | अफजाल अंसारी | बसपा |
श्रावस्ती | राम शिरोमणि वर्मा | बसपा |
मैनपुरी | मुलायम सिंह यादव/डिंपल यादव | सपा |
सहारनपुर | हाजी फजलुर रहमान | बसपा |
आजमगढ़ | अखिलेश यादव/दिनेश लाल यादव निरहुआ | सपा/भाजपा |
रामपुर | आजम खान/घनश्याम लोधी | सपा/भाजपा |
नगीना | गिरीश चंद्र | बसपा |
भाजपा का क्या होगा निर्णय
भाजपा के जौनपुर सीट पर उम्मीदवार तय किए जाने से पहले कई चरण की समीक्षा की गई है। पार्टी के तमाम नेताओं के साथ राज्य स्तर पर बैठकों का दौर चला है। पार्टी और संगठन के स्तर पर तय नामों की सूची केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा गया है। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बगल में स्थित इस लोकसभा सीट को लेकर भी रणनीति तैयार की गई है। पूर्वांचल से ही सीएम योगी आदित्यनाथ भी आते हैं। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ इस सीट पर जीत का गणित तय करने की कोशिश करते दिखेंगे। ऐसे में पार्टी दूसरे दल को यह सीट ऑफर करती है या फिर खुद चुनावी मैदान में उतरती है, यह देखना दिलचस्प रहेगा।