कोलकाता। पश्चिम बंगाल में रथयात्रा निकालने के मुद्दे पर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. कोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक इस मामले में कोई नतीजा निकल नहीं सका है. कोर्ट ने कहा था कि इस मुद्दे पर दोनों पक्ष आपस में बात करें. लेकिन बीजेपी के नेताओं के साथ सरकार ने कोई बैठक नहीं की. उन्होंने इस बैठक के न होने पर जस्टिस के सामने सवाल उठाते हुए कहा कि वह इसलिए बीजेपी नेताओं के साथ बैठक नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उन नेताओं के खिलाफ केस चल रहे हैं. इस पर जज ने तृणमूल के नेताओं और वकील को ही सुना दिया.
दरअसल इस मामले में तृणमूल सरकार की ओर से स्टेट काउंसिल ने बीजेपी नेताओं के साथ बैठक करने में आपत्ति जताई थी. उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा था कि बीजेपी नेताओं पर केस चल रहे हैं. उच्च अधिकारियों के साथ जज विश्वनाथ समद्दर के पास याचिका लेकर पहुंचे.
स्टेट काउंसिल ने यहां पर कहा, बीजेपी नेता मुकुल राय, जयप्रकाश मजूमदार और प्रताप बनर्जी के साथ बुधवार को राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक है. लेकिन प्रताप बनर्जी को छोड़ बाकी के दोनों नेताओं के खिलाफ फौजदारी का मामला चल रहा है और इसके चलते इन दोनों यानि मुकुल रॉय और जयप्रकाश मजूमदार को हटा के ही बैठक करनी होगी.
इसके जवाब में बीजेपी के वकील सुप्तांगशु बासु ने कहा देश में किस नेता के खिलाफ मामला नहीं चल रहा है? इस पर जज ने कहा आपके तो डीजी और आईजी के खिलाफ भी मामला चल रहा है? जज ने बीजेपी से पूछा की क्या आप लोग नामों में कोई फेरबदल करना चाहते हैं? लेकिन बीजेपी ने साफ़ कर दिया कि बैठक में शामिल होने वाले किसी के नाम में कोई बदलाव नहीं करेंगे. अब इस मामले में हाईकोर्ट डिवीज़न बेंच के जज मंगलवार को सुनवाई करेंगे.