चुनाव आयोग ने गुरुवार शाम अपनी वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा वो डेटा सार्वजानिक कर दिया जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने उसे 12 मार्च को उपलब्ध करवाया था.
इस डेटा के मुताबिक़ जिस कंपनी ने सबसे ज़्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे उसका नाम फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड है. अक्टूबर 2020 और जनवरी 2024 के बीच इस कंपनी ने 1368 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे. लेकिन इस कंपनी की चर्चा इसलिए भी हो रही रही क्योंकि अतीत में इस पर ईडी (एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट) या प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाइयां भी होती रही हैं.
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ ने इलेक्टोरल बॉन्ड की सबसे बड़ी खेप अक्टूबर 2021 में ख़रीदी जब उसने 195 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे. जनवरी 2022 में दो बार में इस कंपनी ने 210 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड ख़रीदे. इस कंपनी की सबसे हालिया ख़रीद इस साल जनवरी में की गई जब उसने 63 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे.
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड को 30 दिसंबर 1991 में बनाया गया था. इस कंपनी का रजिस्टर्ड पता तमिलनाड के कोयम्बटूर में है, लेकिन इसका वो पता जहाँ खाते की किताबें रखी जाती हैं वो कोलकता में है. ये कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड नहीं है.
इस कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक़ फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को पहले मार्टिन लॉटरी एजेंसीज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था. इस जानकारी के मुताबिक़ ये कंपनी दो अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के कारोबार के साथ भारत के लॉटरी उद्योग में अग्रणी खिलाड़ी है.
कंपनी की वेबसाइट पर लिखा है, “फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (फ्यूचर गेमिंग) ने भारत के विभिन्न लॉटरी खेलने वाले राज्यों में, जहां भी लॉटरी बिक्री की अनुमति है, डीलरों और एजेंटों का एक विशाल नेटवर्क विकसित किया है. इसने लॉटरी के क्षेत्र में निरंतर बाजार अनुसंधान के माध्यम से व्यवसाय में अव्वल है.”
कंपनी वेबसाइट के मुताबिक़ 1991 में अपनी स्थापना के बाद से फ्यूचर गेमिंग विभिन्न राज्य सरकारों की पारंपरिक पेपर लॉटरी के वितरण में तेज़ गति से बढ़ रहा है.
“यह प्रतिस्पर्धी बोली, आक्रामक मार्केटिंग और भारत के कई राज्यों में कुशल लॉटरी संचालन के साथ-साथ विकास के प्रति ऊर्जावान रवैये के कारण संभव हुआ है.”
कंपनी वेबसाइट पर ये भी लिखा गया है कि फ्यूचर गेमिंग एशिया पैसिफिक लॉटरी एसोसिएशन (एपीएलए) का सदस्य है और 2001 से फ्यूचर गेमिंग वर्ल्ड लॉटरी एसोसिएशन (डब्लूएलए) का सदस्य है.
उपलब्ध जानकारी के मुताबिक़ सैंटियागो मार्टिन इस कंपनी के चेयरमैन हैं. मार्टिन को ‘लॉटरी किंग’ भी कहा जाता है. कंपनी के मुताबिक़ मार्टिन ने लॉटरी उद्योग में 13 साल की उम्र में क़दम रखा और पूरे भारत में लॉटरी के ख़रीदारों और विक्रेताओं का एक विशाल नेटवर्क बना लिया. कंपनी वेबसाइट के मुताबिक़ मार्टिन कई बार देश में सबसे ज्यादा आयकरदाता की पदवी से नवाज़े गए.
मार्टिन चैरिटेबल ट्रस्ट की वेबसाइट के मुताबिक़ व्यापारिक दुनिया में शामिल होने से पहले मार्टिन ने सबसे पहले म्यांमार के यांगून शहर में एक मज़दूर के रूप में अपना करियर शुरू किया था. अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मामूली वेतन कमाते थे. “बाद में, वह भारत वापस आ गए, जहां उन्होंने 1988 में तमिलनाडु में अपना लॉटरी व्यवसाय शुरू किया. धीरे-धीरे कर्नाटक और केरल की ओर विस्तार किया.”
फ्यूचर गेमिंग पर ईडी की कार्रवाई
ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत 11 और 12 मई 2023 को फ्यूचर गेमिंग सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सैंटियागो मार्टिन और अन्य लोगों के चेन्नई में आवासीय परिसरों और कोयंबटूर में व्यावसायिक परिसरों में तलाशी अभियान चलाया था. तलाशी के दौरान क़रीब 457 करोड़ रुपये की चल/अचल संपत्ति बरामद की गई.
ईडी ने 21 सितंबर 2023 को फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और 15 अन्य कंपनियों के ख़िलाफ़ कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में अभियोजन शिकायत दायर की जिसका अदालत ने संज्ञान लिया.
ईडी ने फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ और अन्य कंपनियों के ख़िलाफ़ कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज की गई उन एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिनमें आईपीसी और लॉटरी विनियमन अधिनियम, 1998 की धाराएं लगाई गईं थी.
ईडी का कहना था कि उसकी जांच में पता चला कि मेसर्स फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने कई राज्य सरकारों से समझौता किया था कि वो उनकी लॉटरियां पूरे देश में बेचेगी.
ईडी के मुताबिक इस कंपनी ने कथित तौर पर लॉटरी की बिक्री से मिली संपूर्ण बिक्री आय को जमा न करके लॉटरी जारी करने वाले राज्य को धोखा दिया है.
ईडी के मुताबिक़ इस कंपनी की कार्यप्रणाली में अवैध रूप से बिना बिकी लॉटरी को अपने पास रखना, बिना बिकी लॉटरी पर पुरस्कार का दावा करना, बिना बिके पुरस्कार विजेता टिकटों को बेचा हुआ दिखाने के लिए डेटा में हेरफेर करना और उस पर पुरस्कार का दावा करना भी शामिल है जो लॉटरी विनियमन अधिनियम, 1998 का उल्लंघन था.
नौ मार्च को तमिलनाडु में कथित अवैध रेत खनन में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने सैंटियागो मार्टिन के दामाद आधव अर्जुन और उनकी संपत्तियों की भी तलाशी ली थी.