चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए दिए गए राजनीतिक दलों के चंदों का विवरण अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। उन आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र की सत्ताधारी भाजपा को सबसे ज्यादा 60.61 अरब रुपये बतौर चंदा मिले हैं, जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को 14.22 अरब रुपये दान में मिले हैं। बड़ी बात यह है कि इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाकर दान लेना वाली पार्टियों में तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस की पोछे छोड़ दिया है। चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा लेने वाले दलों में ममता बनर्जी पार्टी टीएमसी 16.10 अरब रुपये के साथ दूसरे नंबर पर रही है, जबकि कांग्रेस तीसरे नंबर पर है।
किस पार्टी को कितना चुनावी चंदा?
आंकड़ों पर गौर करें तो भाजपा, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस चंदा लेने वालों में क्रमश: नंबर वन, टू और थ्री की पार्टी है। इनके अलावा भारत राष्ट्र समिति को 12.14 अरब, बीजू जनता दल को 7.75 अरब रुपये, डीएमके को 6.39 अरब, YSR कांग्रेस को 3.37 अरब, तेलूगू देशम पार्टी को 2.18 अरब, शिवसेना को 1.59 अरब, राष्ट्रीय जनता दल को 72.50 करोड़ और आम आदमी पार्टी को 65.45 करोड़ रुपये मिले हैं।
किन दलों को मिले सबसे कम दान
इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा लेने वाले दलों में सबसे पीछे गोआ फोरवर्ड पार्टी रही, जिसे सिर्फ 35 लाख रुपये का चंदा मिला है। इनके अलावा नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी को 50 लाख, जम्मू एंड कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस को 50 लाख, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी को 55 लाख और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को 5.50 करोड़ रुपये मिले हैं।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 से 2024 के बीच 1260 कंपनियों और लोगों ने कुल 12,155.51 करोड़ रुपये मूल्य के 22217 बॉन्ड खरीदे हैं। 23 राजनीतिक दलों ने इन बॉन्ड को भुनाया है। इलेक्टोरल बॉन्ड पांच मूल्य वर्ग में खरीदे गए हैं। इसमें न्यूनतम ट्रांजक्शन 1 हजार और अधिकतम 1 करोड़ रुपए का है। बाकी 10 हजार, 1 लाख और 10 लाख रुपए के मूल्यवर्ग में बॉन्ड खरीदे गए थे।
पाकिस्तानी कंपनी ने भी खरीदे इलेक्टोरल बॉन्ड!
इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी देखने के बाद एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पाकिस्तान की एक पावर कंपनी ने भी भारतीय राजनीतिक दलों को चंदा दिया है। भारतीय राजनीतिक दलों को चुनावी चंदा देने वाली यह पाकिस्तानी कंपनी बिजली उत्पादक यानी पावर प्रोड्यूसर के तौर पर काम करती है। कंपनी का नाम ‘हब पावर कंपनी लिमिडेट’ (HUBCO) है, जो पाकिस्तान की सबसे बड़ी पावर उत्पादन कंपनी है। चुनाव आयोग के जरिए जो जानकारी अपलोड की गई है, उसमें हब पावर का नाम सामने आ रहा है। इस पाकिस्तानी कंपनी ने 18 अप्रैल 2019 को करीब 95 लाख रुपये का चंदा राजनीतिक दलों को दिया था।
चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली ये हैं टॉप कंपनियां
अब बात उन टॉप कंपनियों की, जिन्होंने देश की अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों को फंड देने के लिए सबसे ज्यादा कीमत के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं। चुनाव आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर अपलोड की गई जानकारी के मुताबिक, फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज और मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड अप्रैल 2019 से जनवरी 2024 तक इस लिस्ट में टॉप पर हैं। इस कंपनी ने 1,368 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं। वहीं 966 करोड़ रुपये के फंड के साथ मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है, जिनसे चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं।