दिल्ली के कथित शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ईडी ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें हैदराबाद से दिल्ली लाया गया है। दिल्ली के शराब घोटाले मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप नेता संजय सिंह को गिरफ्तार करने के बाद ये तीसरी बड़ी गिरफ्तारी है।
सूत्रों के मुताबिक शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने के कविता को पूछताछ के लिए दो समन भेजे थे लेकिन वह पूछताछ में शामिल नहीं हुईं जिसके बाद एजेंसी ये ऐक्शन लिया। इससे पहले शुक्रवार को उनके हैदराबाद स्थित घर की तलाशी भी ली गई थी। ईडी ने आखिरी बार उनसे इस मामले मार्च 2023 में पूछताछ की थी। के कविता पर आरोप है कि वह आम आदमी पार्टी के कम्यूनिकेशन प्रमुख विजय नायर के संपर्क में थीं जो शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन के दौरान शाब उद्योग से जुड़े व्यापारियों और राजनेताओं से बात कर रहे थे।
दरअसल जांच एंजेंसियों का आरोप है कि शराब घोटाला मामले में साउथ का एक ग्रुप भी शामिल है। इस ग्रुप का हिस्सा के कविता भी थीं। आरोप है कि इस ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच एक डील हुई थी जिसके तहत इस ग्रुप ने आम आदमी पार्टी को बड़ी रकम का भुगतान किया था। के कविता के पूर्व चार्टेड अकाउंटेंट गोरंटला बुचिबाबू ने फरवरी 2023 में ईडी के सामने दर्ज किए गए अपने बयान में कहा था कि, “के कविता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के (पूर्व) डिप्टी सीएम (मनीष सिसोदिया) के बीच एक राजनीतिक डील हुई थी। इस मामले पर के कविता ने 19-20 मार्च, 2021 को विजय नायर से भी मुलाकात भी की थी।
बुचिबाबू के बयान के अनुसार, “विजय नायर के कविता को ये बताने की कोशिश कर रहे थे कि शराब नीति में उनके लिए ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे उन्हें लाभ पहुंचे। उन्होंने दावा किया था तब विजय नायर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और (पूर्व) उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से के कविता से बात कर रहे थे। दोनों पार्टियों के बीच डील ये हुई थी कि शराब नीति में कुछ फेवर दिए जाने के बदले आम आदमी पार्टी को कुछ फंड दिया जाएगा।
जांच एजेंसियों के मुताबिक अरुण रामचन्द्र पिल्लई ने कविता के अवैध या अनधिकृत निवेश के लिए प्रतिनिधि के रूप में काम किया था। उन पर आरोप है कि इस पूरी डील में उन्होंने कार्टेल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई और साउथ ग्रुप की ओर से रिश्वत के भुगतान में शामिल थे।