ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने ब्रेक्जिट डील पर होने वाले संसदीय मतदान को टाल दिया है. यह मतदान ब्रिटेन की संसद में मंगलवार 11 दिसंबर को होना था. सोमवार को टेरेसा मे ने संसद को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘मेरे द्वारा की गई ब्रेक्जिट डील के कई पहलुओं को व्यापक समर्थन मिल रहा है, लेकिन ‘बैकस्टॉप’ मुद्दे का विरोध किया जा रहा है. ऐसे में अगर अभी मतदान हुआ तो हम बड़े अंतर से हार सकते हैं, इसलिए इसे आगे बढ़ाना जरूरी है.’ बैकस्टॉप का मतलब है कि उत्तरी आयरलैंड के सीमाई क्षेत्र पर ब्रेक्जिट के बाद भी यूरोपीय संघ के नियम प्रभावी रहेंगे.
ब्रिटेन के प्रमुख समाचार पत्र द गार्डियन के मुताबिक अब यह मतदान अगले हफ्ते या फिर जनवरी की शुरुआत में कराया जा सकता है. टेरेसा मे को 21 जनवरी तक हर हाल में मतदान कराना है क्योंकि उन्हें 29 मार्च से पहले ब्रेक्जिट डील से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी करनी हैं.
इससे पहले सोमवार सुबह खबर आई थी कि तमाम कोशिशों के बावजूद टेरेसा मे अपने ही करीब 100 सांसदों को ब्रेक्जिट डील के पक्ष में मतदान करने के लिए नहीं मना पाई हैं. इसके बाद से मतदान की तारीख़ आगे बढ़ाने के कयास लगाए जाने लगे थे. टेरेसा मे अपनी सरकार और यूरोपीय संघ के बीच पिछले महीने हुए समझौते पर कई हफ्तों से ब्रिटेन के सांसदों को रजामंद करने में जुटी हुई हैं.
बीते रविवार को टेरेसा मे ने अपने सांसदों को चेतावनी तक दे डाली थी. उनका कहना था कि अगर सांसदों ने संसदीय मतदान में उनके द्वारा किये गये ब्रेक्जिट समझौते को खारिज कर दिया तो ब्रिटेन संकट में चला जाएगा और फिर चुनाव कराने पड़ सकते हैं.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने ‘मेल ऑन संडे’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘सांसदों द्वारा मेरे समझौते को खारिज करने का सीधा मतलब देश को गंभीर अनिश्चितताओं में डालना होगा. इसके बाद दो ही विकल्प होंगे ‘नो ब्रेक्जिट’ या समझौते के बिना यूरोपीय संघ को छोड़ना.’