लखनऊ। आज दिल्ली में तमाम विपक्षी दलों की बैठक थी. सभी की नजरें समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर थीं. दोनों ही पार्टियों की तरफ से कोई भी नेता इस बैठक में नहीं पहुंचे. वहीं, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की देश विरोधी नीतियों से जनता निजात पाना चाहती है. साथ ही उन्होंने सीट बंटवारे को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. सपा प्रमुख ने कहा कि चुनाव से पहले सीट बंटवारे पर सम्मानजनक फैसला लेंगे.
अखिलेश ने कहा, ‘कालाधन, भ्रष्टाचार और जीएसटी के मुद्दे पर बीजोपी ने जनता को ठगा है. चुनाव से पहले हमारा ऐसा गठजोड़ होगा, जो बीजोपी का सफाया करेगा. इस दिशा में प्रयास हो रहे हैं. समाजवादी पार्टी के लिए मुख्य प्राथमिकता है कि पहले संगठन मजबूत करें, हम इसमें लगे हैं. समाजवादी पार्टी सीट बंटवारे में सम्मानजनक फैसला लेगी.’
उन्होंने कहा कि बीजोपी के बड़े-बड़े नेता चुनाव आने से पहले ही लड़ने से मना कर रहे हैं, इस्तीफा दे रहे हैं. वे चुनाव शुरू होने से पहले ही मैदान छोड़ गए हैं. बीजोपी ने उत्तर प्रदेश में धोखे से चुनाव जीता है. समाजवादी पार्टी ने विकास पर चुनाव लड़ा. अखिलेश ने कहा कि 2017 में भी हमें कम वोट नहीं मिला था. बीजोपी ने जाति पर चुनाव लड़ा. साम्प्रदायिकता बीजोपी का एजेंडा है. बीजोपी ने बहुत खाई पैदा की है.
सपा प्रमुख ने कहा कि बीजोपी ने विकास को रोक दिया है लेकिन बीजोपी के तमाम प्रयास निरर्थक साबित होंगे. जनता नोटबंदी से और व्यापारी जीएसटी से परेशान हैं. देश को तरक्की की जरूरत है. लोगों के जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आया है. समाजवादी पार्टी परिवर्तन की पक्षधर है. समाजवादी सरकार का काम बोलता है. बीजोपी सरकार के किसी भी काम की कोई आवाज नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजोपी को सरकार से हटाने में क्षेत्रीय दलों की बड़ी जिम्मेदारी होगी.
अखिलेश ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की भाषा है कि ‘ठोक दो’. इसका नतीजा है कि लखनऊ में विवेक तिवारी और बुलन्दशहर में पुलिस वालों को मार दिया गया. जनता वोट डालने का इंतजार कर रही है. जो वोट से आए हैं वे वोट से ही जाएंगे.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नाम बदलने के अलावा कुछ अच्छा काम भी करें. समाजवादी पार्टी महिला आरक्षण पर चर्चा चाहती है. पार्टियों को अधिकार मिले कि वे अपने हिसाब से महिलाओं को टिकट दें. समाजवादी पार्टी महिला आरक्षण की विरोधी नहीं है.