उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्षों को आदेश जारी कर ‘मानव संपदा पोर्टल’ पर संपत्ति की घोषणा करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का ही सितंबर का वेतन देने का आदेश दिया है
यूपी में अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले राज्य कर्मचारियों को सितंबर महीने का वेतन नहीं मिलेगा. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्षों को आदेश जारी कर ‘मानव संपदा पोर्टल’ पर संपत्ति की घोषणा करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का ही सितंबर का वेतन देने का आदेश दिया है. संपत्ति घोषणा की आखिरी तारीख 30 सितंबर है.
कर्मचारियों के साथ संबंधित डीडीओ की भी जवाबदेही तय
सरकारी कर्मचारियों के संपत्ति का विवरण ना देने पर योगी सरकार संबंधित डीडीओ के वेतन को लेकर भी सख्त कदम उठा सकती है. संपत्ति का विवरण देने की आखिरी तारीख में अब सिर्फ हफ्ते भर का ही टाइम बचा है. मुख्य सचिव के आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि ‘मानव संपदा पोर्टल’ पर संपत्ति का ब्योरा उपलब्ध कराने वाले कर्मचारियों को ही सितंबर महीने का दिया जाएगा. यही नहीं इसके लिए समीक्षा की ज़िम्मेदारी डीडीओ (Drawing And Disbursing Officer) को दी गई थी, उनको भी जवाबदेह बनाया गया है.
यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इसका स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि सभी कर्मचारियों के लिए अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण उपलब्ध कराना जरूरी है. मुख्य सचिव के आदेश के अनुसार, 12 सितंबर तक 8,44,374 राज्य कर्मचारियों में से 7,19, 807 कर्मचारियों ने अपना विवरण उपलब्ध करा दिया था. सूत्रों के मुताबिक, अब तक करीब 90 प्रतिशत कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दे दिया है.
दरअसल, यूपी सरकार ने सभी कर्मचारियों के लिए संपत्ति की घोषणा को अनिवार्य बनाते हुए आदेश जारी किया था. कर्मचारियों की चल-अचल संपत्ति का विवरण ‘मानव संपदा पोर्टल’ पर अपलोड होना है. पहले इसकी डेडलाइन 31 अगस्त थी. इसके बाद कर्मचारियों की मांग पर इसे एक महीने बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया था.
अब अंतिम तारीख से पहले मुख्य सचिव ने उन्हीं कर्मचारियों का वेतन रिलीज करने के लिए विभागाध्यक्षों को लिखा है जो संपत्ति का ब्योरा देंगे. इसके लिए संबंधित DDO को समीक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई थी. कर्मचारियों का ब्योरा अपलोड ना होने पर संबंधित डीडीओ का वेतन भी रोका जाएगा.