Gautam Adani से जुड़ा नया विवाद क्या… किस प्रोजेक्ट में रिश्वत की US में जांच? सारे सवालों के जवाब

भारतीय अरबपति गौतम अडानी हिंडनबर्ग के प्रकोप से उबरे ही थी कि अब अमेरिका से उन्हें एक और झटका लगा है. अमेरिका में उन पर अपनी कंपनी Adani Green Energy को एक सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए हेर-फेर के गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

गौतम अडानी पर अमेरिका में लगे गंभीर आरोपभारतीय अरबपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) को अमेरिका से एक बड़ा झटका लगा है. पोर्ट से लेकर हवाई अड्डों, घर की रसोई से लेकर एनर्जी सेक्टर तक बड़े साम्राज्य वाले अडानी पर US में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को हजारों करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है. ये पूरा मामला अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) और एन्य अन्य फर्म एज्योर पावर से जुड़ा हुआ है. आइए जानते हैं इस मामले से जुड़ी एक-एक जानकारी…

गौतम अडानी पर लगे क्या आरोप?
सबसे पहले बात कर लेते हैं उन आरोपों के बारे में, जो अमेरिका में गौतम अडानी और उनकी कंपनी पर लगाए गए हैं. तो बता दें कि Gautam Adani पर कथित तौर पर US में उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Ltd) को सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट से जुड़ा कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने और इसे अमेरिकी बैंकों और इन्वेस्टर्स से छिपाने का आरोप लगाया गया है. अमेरिकी अभियोजकों ने दावा किया है कि कंपनी के अन्य सीनियर ऑफिशियल्स ने कॉन्ट्रेक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को ये पेमेंट करने पर सहमति जताई थी.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रीन एनर्जी ने झूठे बयानों के आधार पर गुमराह किया और 2021 में बॉन्ड की पेशकश के साथ अमेरिका समेत अन्य इंटरनेशल इन्वेस्टर्स और अमेरिकी बैंकों से पैसे जुटाए. अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस का कहना है कि अरबों डॉलर के कॉन्ट्रेक्ट को हासिल करने के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक बड़ी योजना तैयार की गई थी. ऐसा भी कहा गया है कि गौतम अडानी ने भी इस संबंध में कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों से व्यक्तिगत मुलाकात की थी.

Adani Green

2020-24 में किया गया था हेर-फेर!
ऐसा दावा किया गया है कि 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल को ये सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए गलत रूट से भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी गई. इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए 20 साल में दो अरब डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान लगाया गया था और इसका लाभ लेने के लिए झूठे दावे करते हुए लोन और बॉन्ड्स जुटाए गए. अटॉर्नी ब्रॉयन पीस का कहना है कि अरबों डॉलर के कॉन्ट्रेक्ट को हासिल करने के लिए भारत के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की गोपनीय योजना बनाई गई और इसे लेकर सभी को अंधेरे में रखा गया.

जांच के घेरे में कौन-कौन?  
अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने बुधवार को इस मामले में गौतम अडानी के अलावा उनके भतीजे सागर अडानी, विनीत जैन के साथ ही एज्योर पावर के सीईओ रहे रंजीत गुप्ता और कंपनी के सलाहकार रूपेश अग्रवाल समेत सात लोगों को शामिल किया है. ऐसा दावा किया गया है कि अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी.

अमेरिकी अथॉरिटीज इस मामले की जांच कर रही हैं कि क्या Adani Group ने अपने फायदे के लिए रिश्वत देने की कोशिश की और एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए क्या उन्होंने भारत सरकार के अधिकारियों को गलत पेमेंट्स किए हैं? एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में अमेरिका की कोर्ट में सुनवाई के बाद गौतम अडानी और उनके भतीजे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुए हैं.

Adani

किस प्रोजेक्ट को लेकर घेरे में अडानी
अब बात करते हैं कि आखिर गौतम अडानी के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला ये प्रोजेक्ट है क्या और कहां का है? अमेरिकी अभियोजकों के मुताबिक, गौतम अडानी की कंपनी ने राज्य के स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को 12 गीगावाट सोलर एनर्जी देने के लिए कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया. हालांकि, SECI को सौर ऊर्जा खरीदने के लिए भारत में खरीदार नहीं मिल पा रहे थे और बायर्स के बिना सौदा आगे नहीं बढ़ सकता था. ऐसे में अडानी ग्रीन एनर्जी और एज्योर पावर ने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना बनाई. रिपोर्ट की मानें तो इसका एक बड़ा हिस्सा आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को दिया गया.

अमेरिकी अभियोजकों ने ये भी कहा कि इस पूरे हेर-फेर में अपनी संलिप्तता को छिपाने के लिए Code Name का इस्तेमाल किया गया था. उदाहरण के लिए गौतम अडानी को ‘न्यूमेरो यूनो’ या ‘द बिग मैन’ कहा जाता था. इस मामले से जुड़ा पूरा कम्युनिकेशन एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग के जरिए किया गया था. इन दोनों कंपनियों ने कथित तौर पर अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए थे.

अडानी ग्रीन ने बयान जारी कर कही ये बात

इस पूरे मामले पर अब अडानी ग्रुप का बयान भी आ गया है. इसमें कहा गया है कि अमेरिकी न्याय विभाग और SEC ने हमारे बोर्ड के सदस्यों गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एक अभियोग जारी किया है.US स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने हमारे बोर्ड के सदस्य विनीत जैन को भी इसमें शामिल किया है. इन घटनाक्रमों के मद्देनजर, हमारी सहायक कंपनियों ने फिलहाल प्रस्तावित USD नामित बॉन्ड पेशकशों के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अमेरिका से लगे आरोपों के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों ने 600 मिलियन डॉलर के बॉन्ड को रद्द कर दिया है.

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अडानी पर फिर शुरू राजनीतिक घमासान
उद्योगपति गौतम अडानी अमेरिका में धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के आरोपों पर घिरे, तो भारत में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया.कांग्रेस महासचिव (कम्युनिकेशन) जयराम रमेश ने कहा है कि अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा गौतम अडानी और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाना उस मांग को सही ठहराता है जो कांग्रेस जनवरी 2023 से विभिन्न घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) जांच के लिए कर रही है.

दूसरी ओर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा, आरोप लगाने से पहले पढ़ लेना चाहिए. अनावश्यक उत्साहित होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने सोशल मीडिया पर इस संबंध में एक पोस्ट करते हुए कहा कि आपने जिस दस्तावेज़ का हवाला दिया है, उसमें लिखा है, अभियोग में आरोप हैं और प्रतिवादियों को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि वे दोषी साबित ना हो जाएं.

अमित मालवीय ने अपनी पोस्ट में लिखा कि चूंकि बिजली महंगी थी, एसडीसी खरीदने को तैयार नहीं थे. इसलिए अडानी ने (अमेरिकी कंपनी Azure Power के साथ) जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच ओडिशा (तत्कालीन बीजेडी शासित), तमिलनाडु (डीएमके), छत्तीसगढ़ (तत्कालीन कांग्रेस) और आंध्र प्रदेश (तत्कालीन वाईएसआरसीपी) में स्थित SDC को 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर भुगतान किया. यहां बताए गए सभी राज्य उस दौरान विपक्ष शासित थे. इसलिए, उपदेश देने से पहले कांग्रेस और उसके सहयोगियों द्वारा ली गई रिश्वत पर जवाब दें.

हिंडनबर्ग जैसा असर दिखा
इससे पहले साल 2023 में अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने भी अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट जारी कर अडानी ग्रुप पर स्टॉक्स में हेर-फेर और कर्ज को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए थे. इसके जारी होने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में सुनामी आ गई थी और ग्रुप को 150 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था. कुछ ऐसा ही हाल गुरुवार को बाजार में Adani Stocks पर दिखा. अडानी ग्रीन और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर 20 फीसदी तक टूट गए, तो शेयर बाजार में लिस्टेड बाकी शेयरों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है.

अडानी वाले 2236 करोड़ रुपये रिश्वत कांड में कांग्रेस एक्टिव, उठा दी JPC जांच की मांग

अडानी पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में सौर परियोजनाओं के अनुबंध और वित्त पोषण हासिल करने लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत दी और यह बात उन्होंने अमेरिकी निवेशकों से छिपाई।

अडानी वाले 2236 करोड़ रुपये रिश्वत कांड में कांग्रेस एक्टिव, उठा दी JPC जांच की मांग

कांग्रेस ने उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ अमेरीकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर गुरुवार को कहा कि इससे उसकी यह मांग सही साबित होती है कि इस कारोबारी समूह से जुड़े पूरे प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि तत्काल जेपीसी का गठन होना चाहिए।

अडानी पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में सौर परियोजनाओं के अनुबंध और वित्त पोषण हासिल करने लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत दी और यह बात उन्होंने अमेरिकी निवेशकों से छिपाई। अडानी के साथ जिन अन्य लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें उनके भतीजे और ‘अडानी ग्रीन एनर्जी’ के कार्यकारी निदेशक सागर अडानी एवं कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहे विनीत जैन शामिल हैं।

जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा गौतम अडानी और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाना, उस मांग को सही ठहराता है जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जनवरी, 2023 से विभिन्न ‘मोदानी’ घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच के लिए कर रही है।’

रमेश ने कहा कि कांग्रेस अडानी समूह के लेन-देन की जेपीसी से जांच कराने की अपनी मांग दोहराती है, जिसके कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में एकाधिकार बढ़ रहा है, मुद्रास्फीति बढ़ रही है और विशेष रूप पड़ोस के देशों में विदेश नीति के लिए बड़ी चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं।

रमेश ने दावा किया कि अब न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा गौतम अडानी, सागर अडानी और अन्य लोगों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोप से अडानी की आपराधिक गतिविधियों के बारे में और अधिक चौंकाने वाले विवरण सामने आए हैं।

कांग्रेस नेता के अनुसार, इसमें आरोप लगाया गया है कि ‘कई मौकों पर, गौतम अडानी ने ‘रिश्वत की स्कीम’ को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से भारत सरकार के एक अधिकारी से मुलाकात की’ और इसका ‘इलेक्ट्रॉनिक’ और ‘सेलुलर फोन’ सबूत होने का दावा किया गया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि ये सब प्रधानमंत्री के स्पष्ट संरक्षण और ‘कुछ नहीं होगा’ वाली सोच के साथ की गई धोखाधड़ी तथा अपराधों के एक लंबे रिकॉर्ड के अनुरूप है।

रमेश ने इस बात पर जोर दिया, ‘आगे का सही रास्ता यही है कि अडानी महाघोटाले में प्रतिभूति कानून के उल्लंघनों की जांच को पूरा करने के लिए एक नए और विश्वसनीय सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) प्रमुख को नियुक्त किया जाए और इसकी पूरी जांच के लिए तुरंत एक जेपीसी का गठन किया जाए।’

अमेरिका से आई एक रिपोर्ट से अडानी के कुछ मिनटों में डूबे 2.24 लाख करोड़

अडानी ग्रुप के शेयरों में 10 फीसदी से लेकर 20 तक की गिरावट देखने को मिली है. अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर 15 फीसदी तक टूट गए. अडानी पोर्ट एंड एसईजेड, अडानी पावर और ग्रीन एनर्जी से जुड़े स्टॉक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली. जिसकी वजह से कुछ ही मिनटों में अडानी ग्रुप के मार्केट कैप को 2.24 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो गया.

अमेरिका से आई एक रिपोर्ट से अडानी के कुछ मिनटों में डूबे 2.24 लाख करोड़

अमेरिका में गौतम अडानी पर लगे रिश्वत के आरोपों के बाद गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में कोहराम मच गया. अडानी ग्रुप के शेयरों में 10 फीसदी से लेकर 20 तक की गिरावट देखने को मिली. अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर 15 फीसदी तक टूट गए. अडानी पोर्ट एंड एसईजेड, अडानी पावर और एनर्जी एवं ग्रीन एनर्जी से जुड़े स्टॉक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली. जिसकी वजह से कुछ ही मिनटों में अडानी ग्रुप के मार्केट कैप को 2.24 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो गया. सबसे ज्यादा अडानी इंटरप्राइजेज के मार्केट कैप को 49 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं अडानी ग्रीन एनर्जी के मार्केट कैप को 42 हजार करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर अडानी ग्रुप की किस कंपनी को कितना नुकसान हुआ है.

अडानी ग्रुप कंपनियों को हुआ मोटा नुकसान


अडानी इंटरप्राइजेज के मार्केट कैप को कारोबारी सत्र के दौरान 48,821.84 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ. जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप 3,25,502.04 करोड़ रुपए से कम होकर 2,76,680.20 करोड़ रुपए हो गया है.

अडानी पोर्ट एंड एसईजेड को कारोबारी सत्र के दौरान 27,844.19 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ. जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप 2,78,452.71 करोड़ रुपए से कम होकर 2,50,608.52 करोड़ रुपए हो गया है.

अडानी पावर को कारोबारी सत्र के दौरान 36,006.08 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ. जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप 2,02,367.67 करोड़ रुपए से कम होकर 1,66,361.59 करोड़ रुपए हो गया है.

अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस को कारोबारी सत्र के दौरान 20,950.36 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ. जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप 1,04,763.85 करोड़ रुपए से कम होकर 83,813.49 करोड़ रुपए हो गया है.

अडानी ग्रीन एनर्जी को कारोबारी सत्र के दौरान 42,865.415 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ. जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप 2,23,509.64 करोड़ रुपए से कम होकर 1,80,644.23 करोड़ रुपए हो गया है.

अडानी टोटल गैस को कारोबारी सत्र के दौरान 13,417.69 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ. जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप 73,934.73 करोड़ रुपए से कम होकर 60,517.04 करोड़ रुपए हो गया है.

अडानी विल्मर को कारोबारी सत्र के दौरान 4,249.94 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ. जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप 42,512.48 करोड़ रुपए से कम होकर 38,262.54 करोड़ रुपए हो गया है.

एसीसी लिमिटेड को कारोबारी सत्र के दौरान 5,969.76 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ. जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप 41,032.45 करोड़ रुपए से कम होकर 35,062.69 करोड़ रुपए हो गया है.

अंबूजा सीमेंट को कारोबारी सत्र के दौरान 23,787.94 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ. जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप 1,35,200.13 करोड़ रुपए से कम होकर 1,11,412.19 करोड़ रुपए हो गया है.

एनडीटीवी को कारोबारी सत्र के दौरान 156.99 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ. जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप 1,091.82 करोड़ रुपए से कम होकर 934.83 करोड़ रुपए हो गया है.

अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के मार्केट कैप के नुकसान को जोड़ दिया जाए तो अडानी ग्रुप को अभी तक कुल 2,24,070.205 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है. चलिए अब एक बार आरोप के बारे में समझ लेते हैं, जिसकी वजह से ग्रुप को इतने करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है.

क्या है आरोप?

अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य अधिकारियों पर सौर ऊर्जा से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी लगभग 2110 करोड़ रिश्वत देने का आरोप लगाया है. आरोपों के अनुसार, यह रिश्वत 2020 से 2024 के बीच बड़े सौर ऊर्जा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए दी गई, जिससे अडानी समूह को 2 बिलियन डॉलर से अधिक का लाभ होने की संभावना थी. न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने इस मामले को विस्तृत रिश्वत योजना बताया. अडानी, उनके भतीजे और अडानी ग्रीन एनर्जी के पूर्व सीईओ विनीत जैन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी, वायर फ्रॉड और साजिश का आरोप लगाया गया है.