भाजपा पर लगातार हमलावर रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी की राजनीति से जुड़े कुछ बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। अखिलेश यादव ने इस दौरान नेता जी मुलायम सिंह यादव और परिवार से जुड़े कुछ किस्सों को भी साझा किया। 2018 में पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगला खाली कराए जाने के मामले में अखिलेश यादव एक आईएएस अफसर पर भड़क गए। अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए उस अफसर को इस पूरे घटनाक्रम का दोषी ठहराया।
शुभांकर मिश्रा के पॉडकास्ट में दिए गए इंटरव्यू में सपा मुखिया ने कई बिंदुओं पर चर्चा की। मुलायम के बेटा होने का भार क्या होता है? इस पर सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा, नेता जी ने उस तरह हम लोगों को डेवलप होने दिया है। नेता जी मुलायम सिंह यादव ने हमेशा ही अम लोगों को आम लोगों की तरह ही रखा है। ऐसे लोगों के जिनके बेटे होते हैं उनका नाम भी बहुत बड़ा होता है। अखिलेश बोले, जब किसी बड़े लीडर के आप बेटे होते हैं तो उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचना होता है, अपनी जगह बनाने के लिए उनका रास्ता अपनाना होता है। राजनीति में सबसे ज्यादा दर्द कहां मिला? इस पर अखिलेश यादव सीएम आवास खाली कराए जाने वाली बात याद दिलाते हुए भाजपा पर भड़क गए।
अखिलेश कहते हैं कि आवास खाली कराए जाने के बाद उसे गंगाजल से धोया गया। आने वाली पीढ़ी पूछेगी, क्यों गंगाजल से आवास को धोया गया। कन्नौज में मंदिर में पूजापाठ करने वाले मंदिर को भी गंगाजल से धोया गया। यही नहीं महाराणा प्रताप की प्रतिमा को लेकर गलत टिप्पणी तक की गई। उन्होंने कहा, ये पुरानी भाजपा नहीं है, नई भाजपा है। यह इमेज को गिराना और खराब करना जानती है।
टोटी चोरी को लेकर एक प्रतिष्ठित अखबार ने छापी थी हेडलाइन
एक आईएएस अफसर पर भड़कते हुए अखिलेश ने कहा, उस अफसर को मैं कभी नहीं भूल सकता। मैंने घर खाली किया तो क्या-क्या सामान ले गया, ये एक प्रतिष्ठित अखबार ने हेडलाइन बनाई थी। अखिलेश ने कहा, मैं कभी उस आईएएस अफसर को भूल नहीं सकता। वह आईएएस अफसर कौन था, जिसके कहने पर सभी पत्रकार उनके आवास खाली करने के बाद पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि ये अधिकारी आज आपके हैं, कमल हमारे भी थे, जिन्होंने पत्रकारों को जानकारी देकर ऐसी न्यूज चलवाईं। अखबारों में हेडलाइन बनी थीं कि इटैलियन टोटियां गायब हो गईं। कई उद्योगपतियों ने यह तक कह दिया था कि मैंने दीवारों में सोना छिपा रखा था, इसलिए दीवारें खोदी गईं। ये बातें केवल अपने देश ही नहीं विदेशों में जाकर तक कही गई थीं। अखिलेश यादव ने कहा, मैं भाजपा को हमेशा याद रखूंगा और उस आईएएस अफसर को भी कभी नहीं भूल सकता। अगर वह सुन रहा होगा तो ये जानता होगा कि किसके बारे में बोला जा रहा है।
बात 2018 की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी के सभी पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्रियों को बंगला खाली कराने का आदेश दिया गया था। अखिलेश यादव को भी लखनऊ स्थित चार विक्रमादित्य मार्ग की कोठी खाली करनी पड़ी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अखिलेश के घर खाली करने के बाद उस आवास के अंदर काफी तोड़फोड़ मिली थी। स्वीमिंग पुल से लेकर कमरे टाइल्स तक टूट मिले थे। घर के अंदर से टोटियां भी गायब थीं। इसको लेकर मीडियो में तरह-तरह की बातें लिखी गई थीं। अखिलेश ने मीडिया में ये बातें उजागर करने का आरोप आईएएस अफसर मृत्युंजय नाराणयण पर लगाया था।
शादी के बाद चुनाव लड़ने के लिए आया था फोन
चुनाव लड़ने का ख्याल कैसे आया? इस पर अखिलेश यादव ने कहा, शादी के ठीक बाद उनके पास चुनाव लड़ने को लेकर फोन आया था। उस समय वह दिल्ली में थे और बाजार में घूम रहे थे। तब पिता से पता चला कि चुनाव लड़ना है। नेता जी ने पार्टी के नेताओं से बातचीत के बाद तय किया था कि अखिलेश को इस बार चुनाया लड़ाया जाए। अखिलेश कहते हैं कि जनेश्वर मिश्र जी ने चुनाव लड़ाने को लेकर सबसे ज्यादा जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि चुनाव में किसी धर वाले को खड़ा होना चाहिए।