बजट से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा… 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी

केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बजट 2025 से पहले ही बड़ी खुशखबरी दी है. दरअसल, मोदी सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन (8th pay Commission)  के लिए मंज़ूरी दी.


केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दीकेंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बजट 2025 से पहले ही बड़ी खुशखबरी दी है. दरअसल, मोदी सरकार (Modi Govt) ने 8वें वेतन आयोग के गठन (8th pay Commission) की मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन का फैसला ऐसे वक्‍त में लिया है, जब केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता बढ़कर 53 फीसदी तक पहुंच चुका है. केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स को लंबे समय से इस राहत की उम्मीद थी. हालांकि, अब तक जब भी संसद में नए वेतन आयोग को लागू किए जाने से संबंधित सवाल पूछे गए थे, तो सरकार इस तरह का कोई प्रपोजल न आने की बात करती नजर आई थी, लेकिन अब अचानक सरकार ने 8वां वेतन आयोग लागू करने के लिए रास्ता साफ करते हुए केंद्रीय कर्मचारियों को तोहफा दिया है.

2016 में लागू हुआ था 7वां वेतन आयोग
वेतन आयोग से जुड़े इतिहास पर गौर करें, तो ये हर 10 साल में बदले हैं, 7वें वेतन आयोग से पहले, 4वें, 5वें और 6वें वेतन आयोगों का कार्यकाल समान रूप से 10 वर्ष का था. अगर फिलहाल लागू 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) की बात करें, तो इसे साल 2016 में लागू किया गया था और इसके 10 साल दिसंबर 2025 में पूरा होंगे, लेकिन इससे पहले ही सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आठवां वेतन आयोग गठन किए जाने को हरी झंडी दिखा दी है.

नए वेतन आयोग में इतनी होगी न्यूनतम सैलरी!  
8th Pay Commission लागू किए जाने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा देखने को मिल सकता है. रिपोर्ट्स की मानें तो इसके तहत फिटमेंट फैक्टर कम से कम 2.86 तय किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो फिर कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में भी इसी हिसाब से बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और ये 51,480 रुपये हो सकती है. गौरतलब है कि फिलहाल मिनिमम बेसिक सैलरी 18000 रुपये है. इसके साथ ही इसी हिसाब से पेंशनर्स को भी लाभ मिलेगा और उनकी मिनिमम पेंशन फिलहाल के 9000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है.

गौरतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन को तय करने में इसी फिटमेंट फैक्टर का अहम रोल होता है. अगर 7वें वेतन आयोग की कैलकुलेशन पर गौर करें, तो कर्मचारियों को मिलने वाला कुल वेतन उन्हें मिलने तमाम भत्तों के अलावा बेसिक सैलरी (Basic Salary) और फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) के आधार पर तय किया जाता है.

7वें वेतन आयोग लागू होने से इतना हुआ था इजाफा  
जब 6वें वेतन आयोग की जगह 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा जनवरी 2016 से लागू की गईं थी, तो इसके बाद सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली थी. 7वें वेतन आयोग के तहत, 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मूल वेतन में 2.57 से गुना किया गया. यह उनके मूल वेतन में 2.57% की वृद्धि के बराबर था. इसके विपरीत, पिछले वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिससे सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में 1.86% की वृद्धि हुई.