नई दिल्ली। इस धरती के रहस्यों को खोजने के लिए हमारे वैज्ञानिक धरती से लाखों किलोंमीटर दूर ऊंचे आसमान में नई-नई खोजबीन करते रहते हैं. इस दौरान उन्हें तमाम मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है. जैसे अभी हाल ही में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से जुड़े एक अंतरिक्षयान सोयुज एमएस-09 में कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी. पहले तो इसमें से रिसाव होने लगा था, इसके बाद इसमें एक बड़ा छेद हो गया.
रूस के दो एस्ट्रोनॉट (अंतरिक्ष यात्री) ओलेग कोनोशेंको और सर्गेई प्रोकोप्येव मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे स्पेस स्टेशन से बाहर निकले और अंतरिक्ष में कदम रखते हुए, कभी गेंद की तरह उछते हुए उस जगह पहुंचे जहां स्पेसयान में छेद हो गया था. स्पेस स्टेशन से बाहर आने की प्रक्रिया को स्पेसकॉक कहा जाता है.
स्पेसवॉक के लिए पहले पूरी रणनीति तैयार की जाती है. धरती पर बैठे नासा के वैज्ञानिक पूरी स्पेसवॉक पर पूरी तरह से नजर रखते हैं और एस्ट्रोनॉट को निर्देश देते रहते हैं.
Spacewalker Oleg Kononenko is outside the Soyuz orbital module preparing to begin inspection work as the Earth passes below. #AskNASA | https://t.co/yuOTrYN8CVpic.twitter.com/3lHYyAefp0
— Intl. Space Station (@Space_Station) 11 दिसंबर 2018
7.45 घंटे लंबी स्पेसवॉक
नासा ने मंगलवार को हुए स्पेसवॉक का लाइव टेलीकास्ट भी किया, जिसे लाखों लोगों ने देखा. नासा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस स्पेसवॉक के वीडियो तथा फोटो भी शेयर किए हैं. रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस (Roscosmos) के मुताबिक, यह स्पेसवॉक 7 घंटे, 45 मिनट तक चली. स्पेसवॉक सुबह 10.59 बजे शुरू हुई थी और शाम 6.44 बजे खत्म हुई.
रूसी एस्ट्रोनॉट ओलेग कोनोशेंको की यह चौथी, जबकि सर्गेई प्रोकोप्येव की दूसरी स्पेसवॉक थी. बीते 29 अगस्त के अंत में अंतरिक्ष स्टेशन पर प्रेशर लीक महसूस हुआ था जिसके बाद पता चला कि समस्या सोयुज में है. रिसाव के स्रोत को खोजने के कुछ घंटों के अंदर एक्सपेंडिशन 56 के क्रू ने छेद को सील कर दिया और स्टेशन पर तब से स्थिर दबाव बना हुआ था. यह 2 एमएम का एक छेद था.
अपने स्पेसवॉक में ओलेग कोनोशेंको और सर्गेई प्रोकोप्येव ने पहले तो पूरे स्पेसयान सोयुज का बाहर से निरक्षण किया और फिर एक जगह पर उन्होंने स्पेसयान की काफी देर तक मरम्मत की.
मई में भी किया स्पेसवॉक
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के दो फ्लाइट इंजीनियरों ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से बाहर इस साल का पांचवां स्पेसवॉक पूरा किया. ड्रयू फ्यूस्टेल और रिकी ऑर्नोल्ड ने अमेरिकी समयानुसार रात 2.10 बजे अपना स्पेसवॉक पूरा किया, जो छह घंटे और 31 मिनट में पूरा हुआ.
नासा के मुताबिक, अंतरिक्ष यात्री परिक्रमा करती हुई लैबोरेटरी की असेंबली और रखरखाव में सहायता के लिए स्टेशन के बाहर कुल 54 दिन, 16 घंटे और 40 मिनट बिता चुके हैं. अब इसमें मंगलवार को हुए स्पेसवॉक के 7 घंटे और जुड़ गए हैं.
Soyuz एमएल-09 की 20 दिसंबर को वापसी
रूसी अंतरिक्ष यान सोयुज एमएस 09 की 20 दिसंबर को अंतरिक्ष से वापसी होगी. स्पेस स्टेशन पर तैनात अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर यह रॉकेट 19 दिसंबर की शाम 8.42 बजे वापसी की उड़ान भरेगा और कजाकस्तान में 20 दिसंबर की दोपहर 12.03 बजे लैंड करेगा.
यह रॉकेट अपने साथ तीन यात्रियों सेरेना मारिया अुनोन चांसलर (नासा), जर्मन के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गेर्स्ट और रूस के सर्गेई प्रोकोप्येव शामिल हैं.
Cosmonauts Oleg Kononenko and Sergey Prokopyev cutting into the insulation on the Soyuz orbital module to examine the area of a pressure leak detected and fixed in August. #AskNASA | https://t.co/yuOTrYN8CVpic.twitter.com/axLt0EXuVC
— Intl. Space Station (@Space_Station) 11 दिसंबर 2018
सेरेना मारिया अुनोन एक डॉक्टर, इंजीनियर और नासा की अंतरिक्ष यात्री हैं. जून 2007 में अुनोन को अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार के रूप में चुना गया था. सेरेना ने अंतरिक्ष में कैंसर पर शोध किया है. ये यात्री 6.5 महीने अंतरिक्ष में बिताने के बाद धरती पर वापस आ रहे हैं.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को धरती के बाहरी कक्ष में स्थापित किए 20 वर्ष पूरे हो चुके हैं. इसे 20 नवंबर 1998 को पृथ्वी के कक्ष में स्थापित किया गया था. इसके 2028 तक अंतरीक्ष में कार्य करते रहने की उम्मीद है.