नई दिल्ली। देश का पैसा लेकर भागने वाले एक और कारोबारी पर भारत सरकार को गुरुवार को बड़ी कामयाबी मिली है. हाल ही में विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश ब्रिटेन कोर्ट की तरफ से दिया गया है. इसके बाद अब भारत सरकार को मेहुल चौकसी के मामले में बड़ी कामयाबी मिली है. इंटरपोल ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की याचिका पर मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. इस नोटिस के जारी होने के बाद भारतीय एजेंसियों के लिए मेहुल चौकसी तक पहुंचना आसान होगा.
12,400 करोड़ रुपये लेकर भागने का आरोप
आपको बता दें हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के 12,400 करोड़ रुपये लेकर भागने का आरोप है. दूसरी तरफ भारतीय एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि चोकसी एंटिगुआ में रह रहा है. इससे पहले मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी के वकील ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक विशेष अदालत में कहा था कि चोकसी यात्रा करने के लिए शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ नहीं है. साथ ही यह भी कहा था कि इसी कारण वह एंटिगुआ से भारत आकर बयान दर्ज करवाने में सक्षम नहीं है.
सेहत के कारण भारत लौटने से इंकार
मेहुल चोकसी के वकील संजय अबॉट ने अदालत में कहा था कि चोकसी की अस्वस्थता को ध्यान में रखते हुए उसके बयान को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये रिकॉर्ड किया जाए या फिर ईडी के अधिकारी एंटिगुआ जाकर उनके बयान दर्ज कर सकते हैं. इस पर मुंबई में ईडी की एक अदालत मेहुल चोकसी के वकील ने कहा कि अगर यह दोनों विकल्प नहीं अपनाए जा सकते तो, उनके स्वास्थ्य में सुधार का तीन महीने तक इंतजार कीजिए. अगर चोकसी की हालत में सुधार होता है, तो वह भारत आकर अपने बयान दर्ज करा देंगे.
अदालत प्रवर्तन निदेशालय के चोकसी को ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित करने के अनुरोध पर सुनवाई कर रही थी. इसी साल 9 नवंबर को ईडी ने पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी के करीबी दीपक कुलकर्णी को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. कुलकर्णी हांगकांग से आने वाली फ्लाइट से कोलकाता पहुंचा था और वह चोकसी की हांगकांग में चल रही डमी फर्म का डायरेक्टर था. सीबीआई और ईडी ने पिछले दिनों कुलकर्णी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था.