कोलकाता। ‘रथ यात्रा’ के लिए अनुमति देने से इंकार करने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ऊपरी अदालत में जाएगी और सरकार के इस निर्णय के खिलाफ पार्टी ने सड़कों पर उतरने का फैसला किया है. भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पार्टी नेताओं ने अन्य पदाधिकारियों और राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव के साथ रविवार को बैठक की जिसमें भावी रणनीति पर चर्चा हुई.
घोष ने कहा, ‘‘इस निर्णय के खिलाफ हम ऊपरी अदालत में जाएंगे. राज्य सरकार हमारे राजनीतिक कार्यक्रम के लिए अनुमति देने से कैसे इंकार कर सकती है? विरोध में हम राज्यव्यापी प्रदर्शन करेंगे और राज्यपाल के एन त्रिपाठी से मुलाकात कर टीएमसी सरकार के खिलाफ शिकायत करेंगे.’’ ममता बनर्जी नीत सरकार ने खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रस्तावित ‘रथ यात्रा’ को अनुमति देने से शनिवार को इंकार कर दिया कि जिन इलाकों में पार्टी रैलियां निकालने की योजना बना रही है वहां सांप्रदायिक हिंसा भड़कने की आशंका है.
कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सात दिसम्बर को मुख्य सचिव मलय डे, गृह सचिव अत्री भट्टाचार्य और पुलिस महानिदेशक वीरेन्द्र को निर्देश दिया कि भाजपा के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करें और ‘यात्रा’ पर निर्णय करें. राज्य सरकार ने घोष को लिखे पत्र में खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ‘‘कई जिलों में सांप्रदायिक एजेंडे के साथ आरएसएस, बजरंग दल और विहिप जैसे संगठन यात्रा में शामिल होंगे.
इस बात की काफी आशंका है कि यात्रा के दौरान और उसके बाद शांति भंग होगी.’’ भाजपा के ‘‘लोकतंत्र बचाओ’’ अभियान के तहत इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तीन स्थानों से तीन रथों को हरी झंडी दिखाने वाले थे. उन्होंने राज्य में 22 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य रखा है.
‘यात्रा’ की समाप्ति पर पार्टी ने कोलकाता में बड़ी रैली आयोजित करने की योजना बनाई थी.