लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) का गठबंधन तय होने और कांग्रेस को बाहर रखने की खबरों का एसपी ने किया खंडन करते हुए कहा है कि गठबंधन अभी फाइनल नहीं हुआ है.
दरअसल एसपी और बीएसपी के बीच गठबंधन तय होने और सीटों के बंटवारे के आंकड़े के लीक होने के बाद, गठबंधन को लेकर अचानक सियासी उबाल आ गया. समाजवादी पार्टी ने फिलहाल इस मामले पर विराम लगाने की कोशिश की है, लखनऊ में पार्टी प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा होगी या नहीं होगी, अभी इस पर कुछ भी तय नहीं हुआ है और इसका आखिरी फैसला अखिलेश यादव ही लेंगे.
उधर दिल्ली में भी समाजवादी पार्टी के बड़े नेता रामगोपाल यादव ने भी गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखने की खबरों का खंडन किया और कहा कि अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है.
बता दे कि उत्तर प्रदेश में एसपी और बीएसपी दोनों ही कांग्रेस को अलग लड़ते देखना चाहते हैं, ताकि बीजेपी के वोटों का बंटवारा हो सके. गठबंधन के बाद कांग्रेस के अलग लड़ने का फायदा भी गोरखपुर और फूलपुर में इन दोनों दलों को मिल चुका है. ऐसे में पार्टी के सूत्र यह बताते हैं कि दोनों पार्टियां कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली सीट छोड़ देना चाहती हैं, जबकि बाकी सीटों पर एसपी, बीएसपी और आरएलडी का गठबंधन बनाए रखना चाहती हैं.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने जब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से अपना गठबंधन नहीं करने का फैसला किया, तो अखिलेश यादव ने भी मध्य प्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करने का फैसला किया था. हालांकि जीत के बाद दोनो दलों ने कांग्रेस को बिना मांगे अपना समर्थन दिया.
अखिलेश यादव और मायावती कांग्रेस के तीनों मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण में न तो खुद पहुंचे न ही किसी बड़े नेता को भेजा. ऐसे में गठबंधन पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया.
यूपी कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह कहते हैं कि गठबंधन से कांग्रेस को अलग रखने की खबर एक साजिश है जबकि सच्चाई यह है कि अभी तीनों दलों में गठबंधन को लेकर कोई आखरी बातचीत नहीं हुई है. अखिलेश प्रताप सिंह के मुताबिक बीजेपी के खिलाफ बड़े गठबंधन की जरूरत है और उत्तर प्रदेश में भी बड़ा गठबंधन बनेगा.