कोलकाता/श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में शुक्रवार को कहा कि सरकार को सुनना चाहिए कि आखिर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह आखिर क्या कह रहे हैं. अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक जैसे संस्थानों को मौजूदा सत्ता ने गंदा कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि देश को मजहब के आधार पर बांटने की कोशिशें की जा रही हैं. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जिस तरह से मुसलमानों के धर्म और उनके तौर तरीकों में हस्तक्षेप किया जा रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है.’ उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आने के चलते बीजेपी अयोध्या में राम मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं.
हाल ही में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि मैं अपने बच्चों के लिए चिंतित हूं क्योंकि कल को अगर भीड़ उन्हें घेरकर पूछती है, ‘तुम हिंदू हो या मुसलमान?’ तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं होगा . मैं मानता हूं कि सही सोचने वाले हर व्यक्ति को गुस्सा होना चाहिए न कि डरना चाहिए.
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होंने सवाल करते हुये कहा कि बीजेपी की पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित रथ यात्रा की आवश्यकता क्या है? उन्होंने आश्चर्य प्रकट करते हुये कहा कि क्या पार्टी खुद को हिंदुओ की रक्षक के तौर पर पेश करना चाहती है. अब्दुल्ला ने कहा, ‘राहुल गांधी अब पप्पू नहीं रहे. उन्होंने तीन राज्यों को जीत कर अपनी योग्यता का प्रदर्शन कर दिया है.’
चुनाव से पहले फारूक ने छेड़ा स्वायत्तता का मुद्दा
इससे पहले जम्मू कश्मीर की एक जनसभा में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जय हिंद ऐसे कहो कि आसमान हिल जाए. फारुख ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो जम्मू, कश्मीर और लद्दाख की स्वायत्तता का प्रस्ताव 30 दिन के भीतर पास कराएंगे. फारुख अब्दुल्ला के इस बयान को जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. इसपर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कहा कि कोई भी मुसलमानों को समुद्र में फेंकने की कोशिश नहीं कर रहा है, बल्कि मुसलमानों को सारे संवैधानिक पद पर बैठाने का काम किया गया है.
बीजेपी ने कहा हम बांटने नहीं जोड़ने की राजनीतिक करते हैं
बीजेपी के ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुस्लिमों को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर बैठाने का काम इस देश में किया गया है. जो इस देश के मुसलमानों को समुद्र में फेंकने की कल्पना करते हैं वही इस देश में मजहबी इमात फैलाते हैं. फारूक अब्दुल्ला उनके पिता शेख अब्दुल्ला किसी जमाने में हजरत दर की दरगाह से हैं. आज महागठबंधन पर इसी तरह जहर फैलाने का काम फारूक अब्दुल्ला कर रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि हम सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं, किसी को बांटने का काम नहीं करती. अल्लामा इकबाल भी हमेशा इमामे हिन्द कहते थे. बंटवारे के प्रतीक नहीं बल्कि एकता समता और बंधुत्व के प्रतीक हैं. राम मंदिर भारतीय जनता पार्टी के लिए सियासी मुद्दा नहीं हो सकते. राम मंदिर आस्था का प्रतीक है, प्रभु राम भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सबसे बड़े प्रतीक पुरुष हैं. उनके नाम पर अलगाववादी राजनीति करना सांप्रदायिक उन्माद को बढ़ाना है.