भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच मेलबर्न में होना है. इस सीरीज में दोनों टीमें एक-एक मैच जीत चुकी हैं. अब सीरीज में मुकाबला कड़ा होने के उम्मीद जताई जा रही है. विराट कोहली के सामने मेलबर्न टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन को चुनने की चुनौती है. इससे पहले भी विराट पर्थ टेस्ट में अपने बॉलिंग कॉम्बिनेशन के लिए आलोचना के शिकार हो चुके हैं. पिछली बार जो टीम इंडिया मेलबर्न टेस्ट के लिए 2014 में उतरी थी, उस टीम के 9 खिलाड़ी आज भी टीम में हैं लेकिन इनमें से सभी को प्लेइंग इलेवन में जगह मिलना मुश्किल है.
साल 2014 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया मेलबर्न में सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच खेलने उतरी थी. इस मैच में केएल राहुल, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, इशांत शर्मा प्लेइंग इलेवन में शामिल थे. फिलहाल अश्विन के बारे में, जो कि एडिलेड में चोटिल होने के कारण पर्थ टेस्ट नहीं खेले थे, स्थिति स्पष्ट नहीं है कि वे मेलबर्न में खेलेंगे या नहीं. वहीं कुछ अन्य खिलाड़ियों के बारे में भी विराट निश्चित नहीं हैं.
ऑस्ट्रेलिया ने बनाए थे पहली पारी में 530 रन
पिछली बार मेलबर्न में टॉस ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने जीता था और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. टीम इंडिया को मैच के दूसरे ओवर में ही सफलता मिली थी उमेश यादव ने डेविड वार्नर को शिखर धवन के हाथों कैच कराकर पवेलियन वापस लौटाया था. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने बढ़िया बल्लेबाजी करते हुए स्टीव स्मिथ की शतकीय पारी (192) और रोजर्स, वाटसन, हैडिन और हैरिस की पारियों के दम पर 530 रन बनाए थे. टीम इंडिया के लिए मोहम्मद शमी ने 4, उमेश यावद और अश्विन ने 3-3 विकेट लिए थे.
भारत ने पहली पारी में बनाए 430 रन
टीम इंडिया ने भी पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया को तगड़ा जवाब दिया था. विराट कोहली(169) और अजिंक्य रहाणे (147) की शतकीय पारियों और मुरली विजय की 68 रनों की पारी की बदौलत टीम इंडिया ने पहली पारी में 430 रन बनाए थे. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी 9 विकेट के नुकसान पर 319 रन बनाकर घोषित कर दी थी. इसमें शॉन मार्श (99) और रोजर्स (69) की अहम पारियां थी. टीम इंडिया को जीत के लिए 384 रनों का लगभग नामुमकिन सा लक्ष्य मिला था, लेकिन विराट कोहली (54) अजिंक्य रहाणे (48) एमएस धोनी(24) ने मैच बचाते हुए ड्रॉ कर दिया.
ये मायने हैं इस मैच के टीम इंडिया के लिए आज
इस मैच में कुछ खास बातें रहीं जो टीम इंडिया के लिए आज भी अहम सबक मानी जा सकती हैं. इस मैच में विराट कोहली एक बार फिर टीम इंडिया के लिए खास बल्लेबाज के तौर पर उबरे थे. विराट ने पहली पारी में 169 और दूसरी पारी में 54 रनों की पारी खेली थी. तब भी टीम इंडिया की बल्लेबाजी विराट पर ज्यादा निर्भर नजर आई थी और आज भी यही आलम नजर आता दिख रहा है. विराट के अलावा अजिंक्य रहाणे ने भी मेलबर्न में बढ़िया बल्लेबाजी की हालाकि वे फिलहाल 2018 की सीरीज में उतने कामयाब नहीं तो नाकाम भी नहीं हैं.
सलामी जोड़ी की समस्या इस बार है जटिल
केएल राहुल का इस मैच में अनुभव अच्छा नहीं रहा था और इस साल का दौरा तो उनके लिए एक दुःस्वप्न ही बनता जा रहा है. विराट उन्हें मेलबर्न में भी एक और मौका दें इसकी संभावना कम ही है. वहीं मुरली विजय ने इस मैच की पहली पारी में 68 रनों की पारी जरूर खेली थी, लेकिन उनका भी इस साल का दौरा खासा खराब रहा है. अब अगर विराट कोहली मुरली और राहुल दोनों को बाहर करते हैं तो ऐसे में वे मयंक अग्रवाल के साथ किसे खिलाएंगे यह तय करना आसान नहीं होगा क्योंकि पृथ्वी शॉ पहले ही चोटिल होकर टीम से बाहर हैं.
विराट रहाणे पर होगी मिडिल ऑर्डर की जिम्मेदारी
मिडिल ऑर्डर में रहाणे और विराट के साथ ही पुजारा का स्थान भी पक्का ही है. पुजारा ने एडिलेड में पहली पारी में शतक (123) और दूसरी पारी में 72 रनों की पारी खेली थी. वे पर्थ में जरूर नहीं चले लेकिन मेलबर्न में उनकी वापसी की संभावनाएं ज्यादा है. विकेट कीपर के तौर पर इस बार धोनी की जगह ऋषभ पंत हैं. जो 25-30 रन बना ही रहे हैं. अब विराट के सामने समस्या है 6 स्थान के बल्लेबाज की, वैसे तो विराट की पसंद इस मामले में हार्दिक पांड्या हैं, लेकिन अभी उन्हें अपनी फिटनेस साबित करनी है. 2014 में इस स्थान पर केएल राहुल थे, जबकि सलामी बल्लेबाजी शिखर धवन ने मुरली विजय के साथ की थी. ऐसे में हनुमा विहारी को विराट जारी रख सकते हैं.
अश्विन का खेलना तय नहीं, पर बिना स्पिनर के नहीं उतर पाएंगे विराट
स्पिनर के स्थान पर अगर अश्विन नहीं खेल पाए तो विराट जडेजा को जरूर आजमाएंगे. पिछली बार मेलबर्न अश्विन खासे सफल रहे थे. अब अंतिम तीन गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह के अलावा इशांत, मोहम्मद शमी को जगह मिल सकती है. वही विराट भुवी से ज्यादा उमेश पर भरोसा करेंगे यह भी तय है. पर्थ में विराट को बिना स्पिनर के साथ उतरना महंगा पड़ा था. ऑप्टस की पिच पर घास देखते हुए विराट कोहली ने चार तेज गेंदबाजों का खिलाया था जबकि टीम में एक भी नियमित स्पिनर को शामिल नहीं किया था. विराट का यह दाव उल्टा पड़ गया था जबकि ऑस्ट्रेलिया टीम के स्पिनर नाथन लायन ने 8 विकेट लेकर मेजबान टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी.
कुल मिला कर पिछले साल ही जिस पिच को आईसीसी ने खराब रेटिंग दी थी, इस बार उम्मीद कम ही है कि पिच पूरी तरह से तेज गेंदबाजों की ही सहायता करेगी. पिच से स्पिनर्स के लिए कुछ न कुछ जरूर होगा. कम से कम नाथन लॉयन तो अपने लिए पिच से कुछ फायदा उठाने में कामयाब तो रहेंगे ही. कुछ भी हो विराट सेना को अपने प्रदर्शन में काफी सुधार की जरूरत है अगर उसे 2014 का प्रदर्शन दोहराना है.