आगरा। आगरा में छात्रा की जिंदा जलाने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. करीब एक हफ्ते पहले हुई इस वारदात से पूरा प्रदेश दहल उठा है. आगरा में दो बाइक सवारों ने संजलि नामक छात्रा पर पेट्रोल डालकर सरेआम आग के हवाले कर दिया था. उसके बाद गंभीर हालत में लड़की को दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां जिंदगी और मौत के बीच झूलने के बाद 14 साल की उस मासूम ने दम तोड़ दिया. पुलिस ने इस घटना का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, घटना को तीन लोगों ने अंजाम दिया था. इस वारदात का मुख्य आरोपी मृतका का तहेरा भाई ही था, जिसने छात्रा की मौत के बाद जहर खाकर आत्महत्या कर ली.
घटना का मास्टरमाइंड था योगेश
घटना को अंजाम किसी और ने नहीं बल्कि संजलि के ताऊ के बेटे योगेश ने ही अंजाम दिया था. इस वारदात में उसके साथ ममेरा भाई विजय और उसकी बहन का देवर आकाश भी शामिल था. विजय और आकाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जबकि योगेश ने पहले ही विशाख्त पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी. इतना ही नहीं वारदात में उपयोग हुई बाइक भी पुलिस ने बरामद कर ली है.
कैसे हुआ खुलासा
एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि 18 दिसंबर को दोपहर करीब दो बजे संजलि को पेट्रोल डालकर जलाया गया था. 19 दिंसबर की रात उसकी दिल्ली में मौत हुई थी और 20 दिसंबर को योगेश ने खुदखुशी की थी. इन घटनाक्रमों से गुत्थी उलझ गई थी. संजलि में मृत्युपूर्व बयान में बताया था कि घटना दो लोगों ने की है. नवामील पर लगे सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद लगने लगा था कि इस घटना में दो नहीं उससे अधिक लोग शामिल रहे होंगे. उन्होंने बताया कि सात दिन की छानबीन में ये साफ हो गया कि घटना में तीन लोग शामिल थे.
घटना के दूसरे दिन ही पुलिस ने योगेश को मलपुरा थाने बुलाया था. पुलिस उसे दिल्ली भी ले गई थी. योगेश ने संजलि से बात करने की बात कही, उसे लग रहा था कि कही संजलि उसे पहचान तो नहीं गई, लेकिन अस्पताल में जब उसे लगा कि संजलि को कुछ नहीं पता तब वो बेफिक्र हो गया. लेकिन तबतक पुलिस को उसपर शक हो चुका था. वो दिल्ली से लौटकर आया तो पुलिस ने उसे छोड़ दिया, लेकिन मोबाइल रख लिया. जब फोरेंसिक टीम ने मोबाइल चैटिंग को खंगाला तो कई अहम सुराग सामने आए. लेकिन तबतक योगेश खुदखुशी कर चुका था, जिससे गांव का माहौल और भी बिगड़ गया था. पुलिस ने छानबीन शुरू की तो सुराग मिलते गए और ये अनसुलझी गुत्थी सुलझ गई.
डटे रहे अधिकारी
मामले की गंभीरता को पुलिस समझ चुकी थी. घटना पर राजनीति भी जमकर हो रही थी. माहौल न बिगड़े इसलिए पुलिस जल्द से जल्द केस सुलझाना चाह रही थी. इसलिए एडीजी अजय आनंद, डीआईजी लव कुमार और एसएसपी अमित पाठक लगातार मॉनिटरिंग कर रहे थे, तो वहीं एसपी ग्रामीण अखिलेश नारायण सिंह एक पल को भी गांव से नहीं हटे. वो दिन रात गांव में ही कैंप करते थे और अपने अधीनस्थों को लगातार निर्देश दे रहे थे.
मॉडल बनाने का दिखाया था सपना
मृतक आरोपी योगेश ने अपनी चचेरी बहन संजलि को मॉडल बनाने का सपना भी दिखाया था. लेकिन संजलि उसे पसंद नहीं करती थी. क्योंकि योगेश ने पहले संजलि की बड़ी बहन अंजली को नौकरी दिलाने की बात भी कही थी, लेकिन वो कुछ नहीं कर सका. दोनों ही बहनें योगेश से बात करना पसंद नहीं करती थी. पुलिस का कहना है कि एक तरफा प्यार की योगेश ने इस वारदात की साजिश रची.