नई दिल्ली। मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक प्रथा को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार की ओर लए गए तीन तलाक विधेयक को आज (31 दिसंबर) राज्यसभा में पेश किया जाना है. इसके लिए बीजेपी और कांग्रेस ने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है ताकि वे इस दौरान सदन में मौजूद रहें. वहीं सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष द्वारा विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है. वहीं राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश ने कहा ‘मैं सदन चलाना चाहता हूं.’
वहीं तीन तलाक विधेयक पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बैठक चल रही है. इसमें बीजेपी अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं. इसके साथ ही विपक्षी दलों की भी संसद भवन में भी बैठक चल रही है. सरकार की ओर से यह विधेयक लोकसभा में पेश किया जा चुका है, जहां इसे भारी हंगामे के बाद पास कर दिया गया था.
बीजेपी और कांग्रेस का व्हिप जारी
सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस ने व्हिप जारी करके अपने-अपने सदस्यों से सोमवार को ऊपरी सदन में उपस्थित रहने को कहा है. अन्य दलों ने भी अपने सांसदों से यह विधेयक सदन में पेश करने के दौरान उपस्थित रहने को कहा है. कांग्रेस ने अपने सांसदों की बैठक बुलाई है. कई विपक्षी दल भी सोमवार की सुबह विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के चैंबर में मुलाकात करके इस मुद्दे पर सदन की अपनी रणनीति बनाएंगे.
प्रवर समिति को भेजने की मांग
विवादित तीन तलाक विधेयक को विपक्षी दलों का कड़ा विरोध झेलना पड़ सकता है. विपक्ष इसे आगे की जांच के लिए प्रवर समिति में भेजने की अपनी मांग को लेकर लामबंद है. विपक्ष ने तीन तलाक विधेयक के मजबूत प्रावधानों पर सवाल उठाए हैं. सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू के अपनी सास के निधन के कारण सोमवार को सदन में उपस्थित रहने की संभावना नहीं है और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सदन की कार्यवाही के संचालन का जिम्मा संभाल सकते हैं.
एनडीए के पास 93 सदस्य संख्या
सूत्रों ने कहा कि राज्यसभा में संख्याबल विपक्ष के समर्थन में है जहां संप्रग के पास 112 जबकि राजग के पास 93 सदस्य हैं. एक सीट खाली है जबकि बाकी के अन्य दलों के 39 सदस्य न तो राजग और ना ही संप्रग से जुड़े हैं और वे विवादित विधेयक के पारित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
सभी दलों से मांगा है समर्थन
संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने भी इस विधेयक को पारित कराने में सभी दलों से समर्थन मांगा है. प्रस्तावित कानून में, एक बार में तीन तलाक को गैरकानूनी और शून्य ठहराया गया है और ऐसा करने वाले पति को तीन साल के कारावास का प्रावधान है. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और विपक्षी दल द्रमुक विवादास्पद तीन तलाक विधेयक का सोमवार को राज्यसभा में विरोध करेंगे. यह बात दोनों दलों ने रविवार को कही. मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018 के तहत मुस्लिमों के बीच तुरंत तलाक को आपराधिक कृत्य बनाया गया है.
अन्नाद्रमुक का विरोध का ऐलान
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के नेता और लोकसभा में उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई ने कहा, ‘‘हम तीन तलाक विधेयक का विरोध करते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अन्नाद्रमुक का कर्तव्य है कि अल्पसंख्यकों के कल्याण की रक्षा करे. हमारे मुस्लिम भाईयों के खिलाफ इस विधेयक का अन्नाद्रमुक पूरी तरह विरोध करेगा.’’ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के नेता और राज्यसभा की सदस्य कनिमोझी ने कहा कि तीन तलाक को ‘‘अपराध बनाए जाने’’ के विरोध में उनकी पार्टी का रूख अडिग है.