नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस ने सोमवार को एक बार फिर राफेल सौदे का मुद्दा उठाया और इसमें कथित तौर पर घोटाले का आरोप लगाया. इस पर सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी बार-बार झूठ बोलने के बजाय इस मुद्दे पर सदन में अभी चर्चा में हिस्सा ले और बहस से नहीं भागे. कांग्रेस सदस्य 11 दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से ही दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाते रहे हैं और इस मामले की जांच संसद की संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग करते रहे हैं.
सोमवार को शून्यकाल और अनुदान की अनुपूरक मांग के दूसरे बैच पर चर्चा के दौरान लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विषय को उठाया और राफेल मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की.
राजनाथ सिंह
इस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लगातार और बार-बार झूठ बोलने से कोई बात सच कभी नहीं होती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस बारे में (राफेल) कितना भी असत्य क्यों न बोले, वह सच कभी नहीं बन सकता. राजनाथ सिंह ने कहा कि इस विषय पर हम सदन में चर्चा कराने को तैयार हैं, कांग्रेस पार्टी बहस से क्यों भाग रही है, यह बतायें.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राफेल मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराई जाए. इनकी पार्टी झूठ पर झूठ बोल रही है. ऐसे में इस मुद्दे पर अभी चर्चा शुरू की जाए. खड़गे जी चर्चा शुरू करें और वह जवाब देने को तैयार हैं. भाजपा सदस्यों ने भी राफेल मुद्दे पर चर्चा की मांग की. वहीं कांग्रेस सदस्य अपनी मांग को लेकर अध्यक्ष के आसन के समीप अपने हाथों में तख्तियां लेकर ‘हमें चाहिए जेपीसी’, ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’का नारा लगा रहे थे.
अनुदान की अनुपूरक मांग पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि बोफोर्स मामले और टू जी मामले में भी जेपीसी का गठन किया गया और क्लीन चिट दिया गया जबकि इसमें बाद में गड़बड़ी पकड़ी गई. उन्होंने आरोप लगाया कि अब अगस्ता वेस्टलैंड में ‘मिसेज जी’ का नाम आया है, इसका पैसा किसके पास गया.
दुबे ने कहा कि 11 दिसंबर से संसद का सत्र शुरू हुआ है, कांग्रेस राफेल मामले में संसद की कार्यवाही बाधित कर रही है. सरकार चर्चा को तैयार है, कांग्रेस तैयारी करके नहीं आती है और केवल बाधा डालने का काम कर रही है. देश की जनता को यह पता होना चाहिए . इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राफेल विमान सौदा फ्रांस के साथ किया गया. इस विमान को अधिक कीमत पर खरीदा गया. यह विमान यूपीए सरकार की तुलना में तीन गुना अधिक कीमत पर खरीदा गया.
उन्होंने सवाल किया कि सरकार विमान की कीमत क्यों नहीं बता रही है. इस संबंध में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को अनुबंध क्यों नहीं दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें 30 हजार करोड़ रुपये का कथित घोटाला हुआ है. इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच करायी जाए.
भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने राफेल मामले पर कांग्रेस सदस्यों का विरोध का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सदन में हैं और वे आरोप लगाते हैं और हर बार अलग-अलग कीमत बताते हैं. उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस के लोग इस मामले पर चर्चा से क्यों भाग रहे हैं? कांग्रेस सदस्यों ने प्रश्नकाल के दौरान भी राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की और सदन में नारेबाजी की.